Ganpati 2024:गणपति बप्पा की मूर्ति को स्थापित करने से पहले इन बातों का रखें खास ख्याल
भारत विविधताओ का देश है। यहां एक त्योहार आकर जाता है और दूसरा आ जाता है। अभी 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी देशभर में धूमधाम से मनाई गई। वहीं अब गणपति बप्पा भी आ रहे है। तो अगर आप भी इस बार बप्पा को लाने का सोच रहे हैं तो गणेश जी को घर में स्थापित करने से पहले और बाद में इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
Ganpati 2024: भारत विविधताओ का देश है। यहां एक त्योहार आकर जाता है और दूसरा आ जाता है। अभी 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी देशभर में धूमधाम से मनाई गई। वहीं अब गणपति बप्पा भी आ रहे है। तो अगर आप भी इस बार बप्पा को लाने का सोच रहे हैं तो गणेश जी को घर में स्थापित करने से पहले और बाद में इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
कब से शुरु है गणेश चतुर्थी
हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाने का विधान है। इस साल गणेश उत्सव 7 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर अनंत चतुर्दशी को समाप्त होगा। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर हुआ था। इस पावन अवसर पर लोग अपने-अपने घरों में भगवान गणेश कि मूर्ति स्थापित करते हैं और विधि-विधान के साथ उनकी उपासना करते हैं। ऐसे में कुछ नियमों का खास ध्यान रखें।
गणेश चतुर्थी पर न लाएं ऐसे गणपति
जिन मूर्तियों में गणेश जी की सूंड दाएं ओर होती है, वैसी मूर्ति को घर न लाऐं। कहा जाता है कि दाएं हाथ की तरफ सूंड वाले गणेश जी का स्वभाव जिद्दी होता है और ऐसी सूंड वाली मूर्ति की उपासना करना आसान नहीं होता है, ऐसी मूर्ति को विधि-विधान और नियम-निष्ठा के साथ करना पड़ता है। ज्योतिषों के मुताबिक गणेश जी की वो मूर्ति घर में लाएं जिसमें उनकी सूंड बाएं तरफ हो। कहते हैं गणपति जी की ऐसी प्रतिमा घर लाने से जीवन में ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
गणेश चतुर्थी पर इन नियमों का रखें ध्यान
:- अगर गणेश चतुर्थी पर आप अपने घर पर गणपति जी बैठा रहे हैं तो उनकी नियमित रूप से पूजा करें और व्रत करें।
:- गणेश जी की मूर्ति जहां स्थापित करना हो वहां साफ-सफाई और उस स्थान को गंगाजल से पवित्र जरूर करें।
:- गणेश जी की मूर्ति घर की सही दिशा में ही स्थापित करें और जितने दिन घर पर बप्पा हों उतने दिन सात्विक भोजन ही बनाएं।
:- गणेश जी को दिन में कम से कम 3 बार भोग लगाएं। बप्पा को मोदक अति प्रिय है तो मोदक का भोग अवश्य लगाएं।
बप्पा की प्रतिमा का ऐसे करें विसर्जन
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की प्रतिमा को जल में विसर्जित किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि मान्यता है कि वे जल तत्व के अधिपति हैं। पुराणों के
अनुसार, वेद व्यास जी भगवान गणेश को कथा सुनाते थे और बप्पा उसे लिखते थे। और अगर आप 10 दिन से पहले ही मूर्ति विसर्जन करना चाहते हैं तो डेढ़, तीन, या पांच दिन
तक गणपति बैठाएं, इसके बाद ही शुभ मुहूर्त में विसर्जन करें।