Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली का गरमाया मुद्दा, CJI ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई फटकार
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान चुनाव अधिकारी पर सख्त नाराजगी जताई। बैलेट पेपर पर क्रॉस लगाते हुए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह का वीडियो देख कर सीजेआई ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।
Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में हुई धांधली को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस (Congress) का पारा हाई है। चुनाव में हुई धांधली के खिलाफ आप (Aam) और कांग्रेस (Congress) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह (Election Officer Anil Masih) को निशाने पर लेकर SC में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 5 फरवरी को आप और कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने सुनवाई के दौरान चुनाव अधिकारी पर सख्त नाराजगी जताई। बैलेट पेपर (ballot paper) पर क्रॉस लगाते हुए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह (Returning Officer Anil Masih) का वीडियो देख कर सीजेआई ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।
CJI बोले- ‘ये लोकतंत्र की हत्या’
CJI चंद्रचूड़ ने कहा वीडियो से साफ पता चल रहा है कि चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपरों को खराब किया है। क्या ये रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है? क्या रिटर्निंग ऑफिसर ऐसे ही चुनाव कराते हैं? ये लोकतंत्र (Democracy) के साथ मजाक है। ये लोकतंत्र की हत्या है। CJI ने कहा- इस अफसर पर मुकदमा चलना चाहिए। वह भगोड़े की तरह कैमरे की ओर देखते हुए, बैलेट से छेड़छाड़ क्यों कर रहा है, चुनाव अधिकारी को यह बताना होगा। अगर वे कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाए तो दोबारा चुनाव कराने होंगे।
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान पूछा कि निर्वाचन अधिकारी एक अधिकारी है या भगोड़ा। कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को 19 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त करने का आदेश दिया और कहा कि इसे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। उन्होंने बैलेट पेपर और वीडियोग्राफी को भी संभालकर रखने का आदेश दिया। इसके साथ ही CJI ने चंडीगढ़ नगर निगम की बैठकों पर भी रोक लगा दी है।
अनिल मसीह BJP के सभी कार्यक्रमों में होते हैं शामिल!
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर धांधली करने के आरोप लगे है। अनिल मसीह का बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए वीडियो भी सामने आया है। इस पर आप और कांग्रेस जबरदस्त विरोध कर रही है। दरअसल, चुनाव अधिकारी अनिल मसीह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थक है। वह 2015 से बीजेपी (BJP) में हैं और वे पार्टी के सभी कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। अनिल मसीह लगभग 10 सालों से बीजेपी की चंडीगढ़ यूनिट के सदस्य हैं। वे बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। 2021 में मसीह को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा (BJP Minority Front) का महासचिव नियुक्त किया गया था। इसके बाद बीजेपी ने 2022 में उन्हें चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) में पार्षद मनोनीत किया।
अनिल मसीह का विवादों से पुराना नाता
जानकारी के मुताबिक, अनिल मसीह पहले भी विवादों में रहे चुके हैं। 2018 में कमेटी की एक बैठक में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर उनकर कार्रवाई की गई थी। नॉर्थ इंडिया चर्च यानि सीएनआई ने उन्हें चर्च से जुड़ी सभी गतिविधियों में शामिल होने से रोक दिया था। माना जाता है कि अनिल मसीह पूरी तरह से राजनीति में समर्पित है। 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ चुनाव पहले 18 जनवरी को होने वाले थे। लेकिन अनिल मसीह के बीमार होने के चलते चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें फिर से मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया गया।