Court marriage tips: कोर्ट मैरिज करने से पहले जान लें ये नए नियम!
भारत में स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत कोर्ट मैरिज को इन्ट्रोडयूस कराया गया है। नियम के हिसाब से हर कोर्ट में एक मैरिज ऑफिसर होता है, जिसके सामने ये शादी होती है। यहां पर सभी तरह के डॉक्यूमेंट्स जमा कराने होते हैं, जिसके बाद तारीख तय की जाती है। इस दौरान कोई भी रीति रिवाज नहीं होते, दूल्हा और दुल्हन को सिर्फ साइन करना होता है।
Court marriage tips: भारत में शादियों के सीजन का क्रेज अलग ही देखने को मिलता है, लाखों शादियां होती हैं। अलग-अलग फंक्शन्स होते हैं, जिनमें खर्चे बहुत होते हैं। शायद यही वजह है कई लोग कोर्ट जाकर शादी कर लेते हैं, जिसे हम कोर्ट मैरिज के नाम से भी जानते हैं। कोर्ट मैरिज काफी आसान और बिना किसी खर्चे के हो जाती है। अब अगर आप भी इन फ्यूचर कोर्ट मैरिज करने का प्लान कर रहे हैं तो कुछ बातों का आपको खयाल रखना होगा। आज मतलब की खबर में हम आपको कोर्ट मैरिज के कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में बता रहे हैं जिनका ध्यान आपको रखना चाहिए
कैसे होती है कोर्ट मैरिज
भारत में स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत कोर्ट मैरिज को इन्ट्रोडयूस कराया गया है। नियम के हिसाब से हर कोर्ट में एक मैरिज ऑफिसर होता है, जिसके सामने ये शादी होती है। यहां पर सभी तरह के डॉक्यूमेंट्स जमा कराने होते हैं, जिसके बाद तारीख तय की जाती है। इस दौरान कोई भी रीति रिवाज नहीं होते, दूल्हा और दुल्हन को सिर्फ साइन करना होता है।
ये है आसान स्टेप्स
कोर्ट मैरिज के लिए सबसे पहले आपको एक फॉर्म भरना होगा और उसके साथ सभी डॉक्यूमेंट्स भी लगाने होंगे जिनमें आधार कार्ड, दसवीं की मार्कशीट, पासपोर्ट साइज फोटो, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, या अगर तलाकशुदा हैं तो इस मामले में सर्टिफिकेट और अगर वि़डो हैं तो डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। अब ये जान लीजिए इसके स्टेप्स क्या हैं-
कोर्ट मैरिज के लिए सबसे पहले आपको एक फॉर्म भरना होगा और उसके साथ सभी डॉक्यूमेंट्स भी लगाने होंगे। कोर्ट मैरिज के लिए आधार कार्ड, दसवीं की मार्कशीट, पासपोर्ट साइज फोटो, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, तलाकशुदा के मामले में सर्टिफिकेट और विधवा के मामले में डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है और अगर दोनो कपल ही सिंगल हैं तब आपको शपथ पत्र की भी जरूरत पड़ेगी जिसमें ये लिखा होना चाहिए कि दोनों ही कपल शादी के वक्त सिंगल हैं।
इसके अलावा कोर्ट मैरिज करते वक्त गवाह की भी जरूरत पड़ती है। जिससे ये पता चल सके की शादी सही रूप से हुई है जिसे गवाहों ने देखा है और वो कोर्ट मैरिज करने वाले कपल को जानते हैं। इसके अलावा गवाह के भी पैन कार्ड और फोटो कोर्ट मैरिज करते वक्त अधिकारी के पास जमा किए जाते हैं। आखिर में नियमों के बारे में जान लेते हैं, शादी करते वक्त लडका और लड़की दोनों का सिंगल होना जरूरी है और लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र कमसे कम 18 होना जरूरी है। दोनों में से कोई भी शादी-शुदा न हो अगर ऐसा हुआ तो कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।