Supreme court on same sex marriage: सेम सेक्स मैरिज पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
Supreme court on same sex marriage: राजस्थान, आंध्र प्रदेश और असम की सरकारों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने का विरोध किया है, जबकि मणिपुर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और सिक्किम सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे पर "बहुत गहन और व्यापक बहस" की जरूरत है और तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती।
Supreme court on same sex marriage: सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह ( same sex marriage) को कानूनी मंजूरी देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज मंगलवार को अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट की सूची के अनुसार, सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ (CJI D.Y. Chandrachur ) की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ मंगलवार को फैसला सुनाएगी। संविधान पीठ में जस्टिस एस.के. कौल, एस.आर. भट्ट, हिमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा भी शामिल थे। इस साल मई में संविधान पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
समलैंगिक विवाह के मुद्दे को लेकर हुई थी बैठक
केंद्र सरकार समान-लिंग वाले जोड़ों के लिए बुनियादी सामाजिक लाभों के संबंध में कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर सहमत हुई थी। शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा था कि वह समलैंगिक जोड़ों को उनकी वैवाहिक स्थिति की कानूनी मान्यता के बिना भी संयुक्त बैंक खाते या बीमा पॉलिसियों में भागीदार को नामांकित करने जैसे बुनियादी सामाजिक लाभ देने का एक तरीका ढूंढे। राजस्थान, आंध्र प्रदेश और असम की सरकारों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने का विरोध किया है, जबकि मणिपुर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और सिक्किम सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे पर "बहुत गहन और व्यापक बहस" की जरूरत है और तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती।
क्या है गे कपल की मांग
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक पुरुषों (गे कपल) ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि होमो सेक्सुअल (homo sexual )की शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मान्यता दी जाए। इसके साथ ही याचिकाकर्ता सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग का कहना है कि वह और उनका पार्टनर 10 साल से कपल की तरह रह रहे हैं। लेकिन स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act), लिंग के आधार पर भेदभाव करता है और यह गैर-संवैधानिक है। इस एक्ट के मुताबिक, समलैंगिक के संबंध और शादी को मान्यता नहीं है। वहीं एक अन्य याचिकाकर्ता जिनका नाम पार्थ और उदय राज है उनका कहना है कि वह 17 साल से रिलेशनशिप में हैं उनके पास दो बच्चे भी हैं लेकिन वह कानूनी तौर पर शादी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में कपल का बच्चों के साथ कानूनी पैरंट्स का हक नहीं मिल रहा है।