CRPF Foundation Day today: CRPF स्थापना दिवस आज, पीएम मोदी और जेपी नड्डा ने दी बधाई
केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स का आज 86वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षाबलों को बधाई दी है। उन्होंने देश की सुरक्षा में सीआरपीएफ की भूमिका को सर्वोपरि बताया है।
CRPF Foundation Day today: केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (Central Reserve Police Force) का आज 86वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सुरक्षाबलों को बधाई दी है। उन्होंने देश की सुरक्षा में सीआरपीएफ (CRPF) की भूमिका को सर्वोपरि बताया है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी (PM Modi) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बधाई दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- सीआरपीएफ के स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को मेरी शुभकामनाएं। राष्ट्र के प्रति उनका अटूट समर्पण और उनकी अथक सेवा वास्तव में सराहनीय है। वे हमेशा साहस और प्रतिबद्धता के उच्चतम मानकों के पक्षधर रहे हैं। हमारे देश को सुरक्षित रखने में भी उनकी भूमिका सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने भी सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर सुरक्षा बलों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं।
1939 में हुई थी CRPF की स्थापना
बता दें की सीआरपीएफ (CRPF) की स्थापना आजादी से पहले 1939 में अंग्रेजों ने की थी। तब इस बल का नाम क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस था। आजादी के बाद 28 दिसंबर, 1949 को संसद में एक अधिनियम लाकर इस बल का नाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कर दिया गया।
आजादी के बाद CRPF को मिली बड़ी जिम्मेदारी
आजादी के बाद देशी रियासतों को भारत सरकार के अधीन लाने की जिम्मेदारी भी सीआरपीएफ को दी गई। सीआरपीएफ ने वीरता दिखाते हुए जूनागढ़, हैदराबाद, काठियावाड़ और कश्मीर जैसी रियासतों को भारत में शामिल कराने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इन रियासतों ने भारत में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही राजस्थान, कच्छ और सिंध सीमाओं में घुसपैठ की जांच में सीआरपीएफ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई।
CRPF ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ा युद्ध
सीआरपीएफ ने 21 अक्टूबर 1959 को चीन के हमले को नाकाम करते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। इस बलिदान की याद में हर साल 21 अक्टूबर को स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस बल ने 1962 में चीनी आक्रमण के दौरान अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। इस आक्रमण में सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 1965 और 1971 में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में भी सीआरपीएफ ने भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तान से युद्ध किया। 1970 के दशक में त्रिपुरा और मणिपुर में हुई शांति भंग के दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने कई सालों तक अभियान चला कर इलाके से उग्रवादियों का सफाया कर दिया।
CRPF ने संसद हमले को किया था नाकाम
इसके अलावा, 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद (Indian parliament) पर हुए आतंकवादी हमले को सीआरपीएफ के जवानों ने बहादुरी दिखाते हुए नाकाम कर दिया था। हमले के दौरान सीआरपीएफ और आतंकवादियों के बीच 30 मिनट तक फायरिंग हुई थी। जिसमें पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया था।