Bhole Baba Ashram : भोले बाबा के आश्रम में चलते हैं अपने नियम-कानून, फोटो खींचने की सख्त मनाही, रहस्यलोक है बाबा का ठिकाना
सूरज पाल उर्फ भोले बाबा कासगंज के बहादुर नगर पटियाली का रहने वाला है। यहीं पर उनका भव्य आश्रम स्थित हैं। बाबा ने अपने साम्राज्य की शुरुआत यहीं से की थ। बाबा का नारायण हरि चेरिटेबल ट्रस्ट का आश्रम बना हुआ है। बाबा का आश्रम रहस्यों से भरा हुआ है। यहां पर फोन ले जाने की सख्त मनाही है। आश्रम के अंदर फोटो खींचने की किसी को भी इजाजत नहीं दी गई है।
Bhole Baba Ashram : यूपी के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ मौतों के लिए जिम्मेदार सूरज पाल उर्फ भोले बाबा (Baba Suraj Pal) घटना के 24 घंटे के बाद भी लापता है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। कहा जा रहा है कि भोले बाबा अपने मैनपुरी के विशाल आश्रम (Vishal Ashram of Mainpuri) में मौजूद है। अंदर दर्जनों की संख्या में उसके अनुयायी भी है। पुलिस (Hathras Police) ने आश्रम के तीनों गेट पर भारी संख्या में फोर्स की तैनाती की है।
आश्रम तक जाने के लिए बना है प्राइवेट रास्ता
इस बीच पुलिस भोले बाबा के ठिकानों पर छापा मार रही है। भोले बाबा के आश्रम का एक वीडियो सामने आया है। राजस्व विभाग ने 21 बीघे की जमीन पर बने इस आश्रम के अहम दस्तावेज कब्जे भी में लिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 21 बीघे जमीन की कीमत 4 करोड़ रुपये के आसपास बताई जा रही है। दस्तावेजों के मुताबिक, भोले बाबा के आश्रम के लिए जमीन गिफ्ट में दी गई थी। यही नहीं, आश्रम तक जाने के लिए एक प्राइवेट रोड भी बनवाया गया है।
कासगंज के बहादुर नगर पटियाली का रहने वाला
सूरज पाल उर्फ भोले बाबा कासगंज के बहादुर नगर पटियाली का रहने वाला है। यहीं पर उनका भव्य आश्रम स्थित हैं। बाबा ने अपने साम्राज्य की शुरुआत यहीं से की थ। बाबा का नारायण हरि चेरिटेबल ट्रस्ट का आश्रम बना हुआ है। ये आश्रम कई बीघा जमीन में बना है, जिसमें बाबा अपने निजी सुरक्षा गार्ड और सेवादारों के साथ रहते हैं। इस आश्रम से ही बाबा के साम्राज्य की शुरुआत हुई। बाबा के इस गढ़ में उनके बनाए नियम कानून चलते हैं। बाबा का ये आश्रम किसी रहस्यलोक से कम नहीं है। उनकी मर्जी के बिना यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। आश्रम के अंदर कैमरे का इस्तेमाल करना वर्जित है। आश्रम के बाहर ही एक बड़ा सा बोर्ड लगाया गया है, जिस पर तमाम नियम लिखे गए हैं।
रहस्यों से भरा हुआ है आश्रम
बाबा का आश्रम रहस्यों से भरा हुआ है। यहां पर फोन ले जाने की सख्त मनाही है। आश्रम के अंदर फोटो खींचने की किसी को भी इजाजत नहीं दी गई है। वो न तो फोटो खींच सकते हैं और न ही वीडियो बना सकते हैं। यही नहीं कोई आश्रम के अंदर से वीडियो कॉल भी नहीं कर सकता है। ये तमाम बातें बाहर दरवाजे पर ही नोटिस बोर्ड पर लिखी हुई हैं। आश्रम में कई चौकियां बनी हुई है, पूरे आश्रम के चारों ओर ऊंची-ऊंची दीवारें हैं। सोने के रंग जैसा बड़ा सा दरवाज़ा लगा है और लाल रंग की छत है। ये आश्रम एक क़िले की तरह है। आश्रम में बाबा के सेवादार रहते हैं जो आश्रम के सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्था देखते हैं।
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