Assembly by Election: विधानसभा उपचुनाव में इंडिया गठबंधन का होगा टेस्ट, दो सीटों पर इंडिया गठबंधन में ही आपसी लड़ाई
छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन 7 विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव इंडिया गठबंधन के लिए एक टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है।
Assembly by-Election: छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन 7 विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव इंडिया गठबंधन के लिए एक टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है। जिसे सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें यूपी से लेकर त्रिपुरा केरल और पश्चिम बंगाल की विधानसभा सीट शामिल है। इंडिया गठबंधन के लिए यह उपचुनाव बेहद खास है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से इंडिया गठबंधन का यह महत्वपूर्ण टेस्ट होगा।
इंडिया गठबंधन बनने के बाद 28 पार्टियों वाले इस गठबंधन का यह पहला इम्तिहान है, इस गठबंधन ने यह तय किया था कि एक सीट पर गठबंधन का एक ही प्रत्याशी उतारा जाएगा। इस फार्मूले को लेकर भी यह उपचुनाव इंडिया गठबंधन की ताकत को परखेगा।
अब इसमें भी एक समस्या आई है, 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव में से पांच सीटों पर विपक्षी दलों ने तो एक उम्मीदवार उतारा है मुकाबला एक बनाम एक का है, लेकिन पश्चिम बंगाल और केरल की एक-एक सीट पर गठबंधन का आपस में ही मुकाबला है। पश्चिम बंगाल की धूपगुड्डी सीट पर इंडिया गठबंधन के तरफ से तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी ने अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं कांग्रेस यहां पर लिफ्ट को सपोर्ट कर रही है जबकि केरल की पुथुपल्ली सीट पर कांग्रेस और लेफ्ट के बीच में लड़ाई है। मुश्किल यह है कि पश्चिम बंगाल और केरल में इंडिया गठबंधन की तरफ से एक सीट पर एक उम्मीदवार का फार्मूला फेल हो रहा है तो 2024 का जब लोकसभा चुनाव होगा तब क्या यह समस्या नहीं खड़ी होगी।
एनडीए गठबंधन की तरफ से यह बयान सामने आ रहा है कि इंडिया गठबंधन के बीच में आपसी तालमेल की कमी है और अपने फायदे के लिए इंडिया गठबंधन के राजनीतिक दल सोच रहे हैं, यानी एनडीए बनाम इंडिया की लड़ाई में पश्चिम बंगाल और केरल की विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन का फॉर्मूला फेल हुआ है।
इंडिया गठबंधन में शामिल दल एक दूसरे के खिलाफ लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं ऐसे में यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती रही पार्टियां जब एक साथ चुनाव लड़ेंगी तो क्या उनके वोट ट्रांसफर हो पाएंगे, क्या धुर विरोधी पार्टियों के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर एक साथ मिलकर इंडिया गठबंधन के लिए काम कर पाएंगे।
यहां उपचुनाव के नतीजे से कहीं ज्यादा गठबंधन की मजबूती का रियलिटी टेस्ट होने जा रहा है। हालांकि इंडिया गठबंधन की तरफ से यह कहा जा रहा है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव में एक साथ खड़ा रहेगा।