Mayawati news: मायावती ने यूपी-उत्तराखंड के पदाधिकारियों की बुलाई बैठक, गठबंधन पर कही ये बड़ी बात
बसपा प्रमुख मायावती ने आज शनिवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। मायावती द्वारा बुलाई गई इस बैठक में प्रमुख रूप से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सभी राज्य स्तरीय पदाधिकारी व जिला अध्यक्ष मौजूद रहे।
Mayawati news: बहुजन समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati)ने आज उत्तर प्रदेश (uttarpradesh ) और उत्तराखंड (uttrakhand )के पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। मायावती द्वारा बुलाई गई इस बैठक में प्रमुख रूप से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सभी राज्य स्तरीय पदाधिकारी व जिला अध्यक्ष मौजूद रहे। बैठक में मायावती ने दठबंधन को लेकर कई बातें की।
चुनाव में समझौता नही करेंगी मायावती
बैठक के दौरान मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि "हम चुनाव में किसी भी पार्टी से कोई भी गठबंधन या समझौता नहीं करेंगे। हम बार-बार दूसरी पार्टियों से धोखा खा चुके हैं। इसलिए एक बार फिर से गठबंधन करना होशियारी की बात नहीं है। गठबंधन के इस तरह के कड़वे अनुभवों से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है और मिशन कमजोर होता है।"
"हर विधान सभा में होगा कैडर कैंप का आयोजन "
शनिवार को आयोजित बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रदेश पदाधिकारी शामिल थे। मायावती ने इस बैठक में दिशा निर्देश दिया है कि हर दिन कैडर कैंप का आयोजन किया जाएगा साथ ही यह आयोजन प्रत्येक विधानसभा में आयोजित होगा। बसपा के पदाधिकारी और जोनल कॉर्डिनेटर इस कैडर कैंप में प्रत्येक जातियों को जोड़ने का काम करेंगे।
अभियान कैडर कैंप के जरिए बसपा विधानसभा बार बसपा कार्यकर्ताओं की संख्या और नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने का भी काम करेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार की बैठक में पदाधिकारी से अब तक किए गए बूथ और जिले के कार्यों की समीक्षा की रिपोर्ट मांगी और साथ ही संभावित प्रत्याशियों के नाम का पैनल को लेकर भी चर्चा की । मायावती ने कहा कि प्रत्येक विधान सभा में कैडर का कैंप का आयोजन किया जाए। देखा जाएं तो ये बैठक 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर की गई थी।
माय़ावती ने बैठक में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरीके से देश प्रदेश में विभिन्न सरकारों के द्वारा अपने स्वार्थ के वोट बैंक के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं वह गलत है। ऐसे में लगभग सभी सरकारों की जनहित व जनकल्याण की सोच व कर शैली पर उंगली उठना स्वाभाविक है। क्योंकि इन सब से इससे यह साबित होता है कि इनके मुट्ठी भर लोगों का भला तो जरूर हो रहा है लेकिन देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानो, बेरोजगारों आदि इन मेहनतकश लोगों के हित बुरी तरीके से प्रभावित हो रहे हैं।