Anandi ben Patel: राज्यापाल को समन भेजने वाले SDM हुए सस्पेंड
10 अक्टूबर को बदायूं सदर के SDM ने आनंदी बेन पटेल को समन भेजा था। जिसके बाद डीएम ने राजभवन से प्राप्त आपत्ति की चिट्ठी के बाद एक रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी थी। आज गुरुवार को शासन ने एसडीएम विनीत कुमार और कोर्ट पेशकार बदन सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
Anandi ben Patel: बीतें दिनों भूमि विवाद मामलें में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को बंदायूं एसडीएम ने समन भेजा था जिसके बाद नोटिस मिलते ही राजभवन में हड़कंप मच गया था। हालांकि राज्यपाल के विशेष सचिव ने डीएम को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। इसके बाद गुरुवार को शासन ने एसडीएम विनीत कुमार और कोर्ट पेशकार बदन सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
डीएम पर लिया गया एक्शन
10 अक्टूबर को बदायूं के एसडीएम ने आनंदी बेन पटेल को समन भेजा था। जिसके बाद डीएम ने राजभवन से प्राप्त आपत्ति की चिट्ठी के बाद एक रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी थी, उसके बाद ये एक्शन लिया गया है। इस पत्र में बताया गया था कि संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है।
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बता दें कि यह मामला 19 अक्टूबर का है। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव लोड़ा बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने 2019 में एसडीएम बदायूं कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें कस्बा निवासी लेखराज, पीडब्ल्यूडी और राज्यपाल को पक्षकार बनाया गया था। चंद्रहास ने कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि उसकी बुआ कटोरी देवी की मौत हो गई। उनके कोई भी संतान नहीं थी। वह 28 साल हमारे घर पर हमारे साथ रही। इसलिए कानूनन जमीन हमारी है। जबकि गलत तरीके से वारिस दिखाकर बुआ की बहन के बेटे चंद्रपाल ने तीन बीघा जमीन लेखराज को 2003 में बेच दी।
भूमि विवाद में बनाया गया था वादी
चंद्रहास ने एसडीएम कोर्ट में दायर वाद में लेखराज और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पक्षकार बनाया। जिसके बाद एसडीएम कोर्ट में राजस्व संहिता की धारा 144 का नोटिस जारी कर राज्यपाल और लेखराज को पेश होने का समन जारी कर दिया गया। एसडीएम कोर्ट से यह समन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 10 अक्टूबर को जारी किया था। जिसके बाद अपना पक्ष रखने के लिए 18 अक्टूबर की तिथि नियत की गई।