Road stripes : जानिए सड़कों पर क्यों बनी होती हैं, सफेद और पीले रंग की पट्टी?

Road stripes : सड़क पर चलते समय आपका ध्यान रोड पर बनी पट्टियों पर जरूर गया होगा। ये पट्टियां सफेद और पीले रंग की होती हैं। कहीं पर ये पट्टी एक सीध में होती हैं, तो कहीं पर ये टुकड़ों में होती हैं। हमारे देश में आज भी बहुत से लोगों को नहीं पता इसके पीछे की असल वजह क्या है।

Road stripes : जानिए सड़कों पर क्यों बनी होती हैं, सफेद और पीले रंग की पट्टी?

Road Stripes: हमारे देश में ज्यादातर लोग ट्रैफिक लाइटों के जरिए ही ट्रैफिक रूल्स (Traffic rules) को फॉलो करते हैं, और ट्रैफिक लाइट्स (Traffic lights) को ही एक संकेत के तौर पर मान कर चलते हैं। लेकिन ये बात भी पूरी तरह सही नहीं है। सड़क सुरक्षा (Road Safety) से जुड़े और भी कई नियम हैं हमारे देश में, जिसके बारे में आज भी बहुत से लोगों को पता ही नहीं है। ऐसे ही कुछ संकेत होते हैं सड़कों पर बनी इन पीली और सफेद पट्टियों (White lines) के, कई बार आपने देखा होगा ये पट्टियों कहीं-कहीं पर लंबी होती हैं, तो कहीं पर बीच बीच मे टूटी हुई होती हैं। इसके भी अलग अलग मतलब होते हैं।

भारत मे ट्रैफिक साइन (Traffic Sign) तीन तरह के होते हैं पहला रेगुलेटरी (Regulatory) दूसरा वार्निंग और तीसरा गाइड साइन (Guide sign)। सड़कों पर बनी ये पट्टियाँ गाइड साइन (Guide sign) के अंतर्गत ही आती हैं। अगर आप किसी ऐसी सड़क पर चल रहे हैं जिसपर एक सफेद पट्टी (White line) बनी हुई है, तो इसका मतलब है आप लेने नहीं बदल सकते, आपको सीधे ही अपने वाहन को चलाना होगा।

हालांकि, किसी दुर्घटना से बचने के लिए आप लेन चेंज कर सकते हैं। इस लाइन को बैरियर लाइन भी कहा जाता है। अब बात करते हैं, टूटी हुई सफेद लाइन की जिसे ब्रोकेन व्हाइट लाइन (Broken white line) भी कहते हैं। 

इस लाइन के जरिए आप सड़क या हाईवे पर अपनी लेन नियम के हिसाब से आराम से बदल सकते हैं। ओवरटेक कर सकते हैं और यू-टर्न भी ले सकते हैं। इसी तरह होती है डबल सॉलिड व्हाइट लाइन (Double solid white line), हाईवे (Highway) और सड़क पर आपने दो सफेद लाइन एक साथ देखी होंगी।

इस लाइन को बनाने का मकसद सिर्फ इतना होता है कि उस वक्त उस लेन में मौजूद एक वाहन दूसरे को ओवरटेक (Overtake) न करें, हालांकि ये लाइन आपको ज्यादातर एक्स्प्रेसवे (Expressway) या हाईवे पर ही देखने को मिलेगी और ये ज्यादा लंबी भी नहीं होती। 

अब बात करते हैं सॉलिड यलो लाइन (Solid yellow line) की, अगर आप किसी सड़क या हाईवे (Highway) के किनारे सॉलिड यलो लाइन (Solid yellow line) देखते हैं। तो इसका सीधा सा मतलब है आप उस सड़क के किनारे अपना वाहन पार्क नहीं कर सकते हैं। कई बार आपने ये भी देखा होगा कि हाईवे या सड़क के बीचों बीच यलो लाइन होती है इसका मतलब आप अपने वाहन को एक लेन के अंदर ही चलाएंगे और ओवरटेक भी उसी लेन में करेंगे।

अब आ जाती है सीधी और टूटी हुई पीली लाइन जिसे हम सॉलिड एंड ब्रोकेन यलो लाइन (Solid and broken yellow line) भी कहते हैं। हाईवे या सड़क पर बनी इस लाइन का मतलब है इसके एक तरफ से आप लेन के अंदर एक वाहन दूसरे को ओवरटेक कर सकता है।

लेकिन दूसरी तरफ से ऐसा नहीं किया जा सकता। अब बात करते हैं स्टॉप लाइन (stop line) के बारे में ज़ेब्रा क्रॉसिंग (zebra crossing) या किसी चौराहे पर अक्सर ही ये लाइन आपको देखने को मिल जाएगी। इस लाइन को बनाने का मकसद ये होता है कि रेड लाईट पर आप स्टॉप लाइन के पहले-पहले अपने वाहन को रोक दें, ऐसा न करने पर आपके उपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

अलग अलग सड़कों पर बनी इन लाइनों के अलग अलग नियम होते हैं। हमारे देश में सरकार इन्हें इसीलिए बनवाती है ताकि ड्राइव करते वक्त हम किसी भी तरह की दुर्घटना से बच सकें और सुचारु अवागमन कर सकें।