Waqf Bill: वक्फ बिल लोकसभा में पेश, विपक्ष ने किया जमकर विरोध, ओवैसी बोले- मुसलमानों की दुश्मन है मोदी सरकार
संसद के मानसून सत्र का आज 14वां दिन है। आज लोकसभा में वक्फ अधिनियम पेश किया गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ कानून 1995 में संशोधन के लिए बिल पेश किया। किरेन रिजिजू ने बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का भी प्रस्ताव रखा।
Waqf Bill: संसद (Parliament) के मानसून सत्र का आज 14वां दिन है। आज लोकसभा में वक्फ अधिनियम पेश किया गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने लोकसभा (Lok Sabha) में वक्फ कानून 1995 में संशोधन (Amendment in Waqf Act 1995) के लिए बिल पेश किया। किरेन रिजिजू ने बिल को संयुक्त संसदीय समिति (joint parliamentary committee) के पास भेजने का भी प्रस्ताव रखा। वहीं वक्फ बिल का कांग्रेस (Congress), सपा, एनसीपी (शरद पवार), एआईएमआईएम, टीएमसी, सीपीआई (एम), आईयूएमएल, डीएमके समेत आरएसपी ने विरोध किया। विपक्ष ने इस बिल को संविधान के खिलाफ बताया है। सपा सांसद मोहिबुल्ला (SP MP Mohibullah) ने कहा- ये हमारे धर्म में दखलअंदाजी है।
ये सरकार मुसलमानों की दुश्मन- ओवैसी
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल राव ने कहा कि सरकार संगठनों के बीच विवाद पैदा करना चाहती है। एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार इस बिल को लाकर देश को जोड़ने का नहीं, बल्कि बांटने का काम कर रही हैं। यह विधेयक इस बात का सबूत है कि ये सरकार मुसलमानों की दुश्मन हैं।
‘सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किये गए बदलाव’
इस पर जवाब देते हुए किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि वक्फ एक्ट में पहले भी संशोधन किये गए हैं। हम सच्चर कमेटी (Sachar Committee) की रिपोर्ट के आधार पर ही बदलाव कर रहे हैं। इस कमेटी को कांग्रेस ने ही बनाया था।
वक्फ बोर्ड की शक्तियां हो जाएंगी कम
बता दें कि वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन बिल (Amendment Bill in Waqf Act, 1995) पास होने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम हो जाएंगी। वह किसी भी संपत्ति को अपना नहीं बता सकेगा। अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने का अधिकार है। वहीं जमीन पर दावा करने से पहले उसका वेरिफिकेशन करना होगा। इससे वक्फ बोर्ड की मनमानी पर रोक लग जाएगी
इसके अलावा वक्फ बिल में संशोधन होने से सभी वर्गों की महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं और शिया और बोहरा समूह काफी लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।