UPCMP: केंद्र सरकार ने नियम किये सख्त, अब फॉर्मा कंपनियां डॉक्टरों को नही दे पायेंगी महंगे गिफ्ट्स हैंपर!
मेडिकल लाइन एक निस्वार्थ और सेवा भाव से जुड़ा हुआ पेशा है लेकिन इस इंडस्ट्री में जो दवा कंपनियां डॉक्टरों को लुभाने के लिए गिफ्ट हैंपर्स और नगद कैश देते थे उसपर अब सरकार ने कैची चला दी है।
UPCMP: मेडिकल लाइन एक निस्वार्थ और सेवा भाव से जुड़ा हुआ पेशा है लेकिन इस इंडस्ट्री में जो दवा कंपनियां डॉक्टरों को लुभाने के लिए गिफ्ट हैंपर्स और नगद कैश देते थे उसपर अब सरकार ने कैची चला दी है। फार्मेसी के छेत्र से जुड़े लोगों को ये बात पता भी होगी कि दवा कंपनियां डॉक्टरों को गिफ्ट के तौर पर लुभावने टूर पैकेज और तमाम तरह के गिफ्ट वाउचर्स वगरह देते थे। लेकिन अब इसपर डॉक्टरों को मुफ्त उपहार देने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने मंगलवार को फार्मास्युटिकल मार्केटिंग के लिए एक समान संहिता यानी UCPMP अधिसूचित की है जिसके तहत कोई भी फार्मा कंपनी या उसका एजेंट किसी डॉक्टर और उनके परिजनों को कोई उपहार नहीं दे सकता।
यूनिफॉर्म कोड ऑफ फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज ने जारी किये निर्देश
और आज खबर काम की में हम फार्मा सेक्टर से जुड़ी एक जरूरी जानकारी को लेकर है। बता दें कि सरकार ने साल 2014 में यूनिफॉर्म कोड ऑफ फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (UCPMP)को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे, लेकिन इसको लेकर कानूनी रूप से बाध्यता नहीं थी। लेकिन अब सरकार की ओर से UCPMP अपनाने के लिए लिखा गया है। सरकार ने बड़ी दवा कंपनियों और फर्मों को सख्त हिदायत दी है कि वे किसी भी डॉक्टर को गिफ्ट हैंपर्स नहीं दे सकते। फिर चाहे वो किसी भी तरह का क्यों न हो। गिफ्ट वाउचर्स से लेकर,कॉन्फ्रैंस के नाम पर होने वाले टूर पैकेजस पर पूरी तरह से रोक लगानी होगी। ऐसा न करने पर और नियमों का उल्लंघन करने पर सरकार फर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
फ्री सैंपल को लेकर भी दिये आदेश
देश के सभी फार्मास्युटिकल्स एसोसिएशन को लिखे एक लेटर में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संयुक्त सचिव रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया है कि सभी एसोसिएशन को आचार समिति का गठन करना होगा और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर UCPMP पोर्टल का जिक्र भी करना होगा। साथ ही समान संहिता का पालन करना होगा। अब दूसरी बात ये कि जो भी फ्री सैंपल दिए जाते हैं। अब से उसका पूरा हिसाब रखना होगा। इतना ही नहीं ट्राय या टेस्टिंग करने के लिए जो भी सैंपल देंगे उसका भी हिसाब रखना होगा। संहिता में ये बात भी साफ कर दी गई है, कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को दवाओं के मुफ्त नमूने नहीं दिए जाएंगे जो ऐसे प्रोडक्टस को रखने के योग्य न हो और तो और कंपनी को हर प्रोडक्ट का नाम, डॉक्टर का नाम, दिए गए नमूनों की क्वांटिटी, फ्री में जो सैंपल्स दिए गए हैं उनका हिसाब, कब दिए गए हैं डेट वगरह सब डिटेल्स देने होंगे। इसके अलावा फ्री सैंपल की संख्या हर साल घरेलू बिक्री के 2% से कम होना चाहिए।
फार्मा कंपनी या फर्म से जुड़े है तो इन बातों का रखें ध्यान
इसके अलावा गाइडलाइंस में कहा गया है कि फार्मा कंपनियों,परिवार के सदस्यों को रेलवे से, फ्लाइट से, क्रूज टिकट भी ट्रैवल करने के लिए नहीं दिए जाएंगे। किसी भी तरह का स्पेशल ट्रीटमेंट देश के अंदर या बाहर ट्रेवल करने के लिए नहीं मिलेगा। एक नई चीज़ संहिता में और भी मेनशन की गई है। अधिसूचना में साफ लिखा है कि फार्मा कंपनियां किसी कॉन्फ्रेंस या सेमिनार के नाम पर डॉक्टरों को विदेश दौरों का प्रस्ताव नहीं दे पाएंगी। इतना ही नहीं, फाइव स्टार होटल में ठहरने और महंगे व्यंजन व रिजॉर्ट जैसे शान शौकत भरे ऑफर भी नहीं दे सकेंगे। संहिता में कैश पेमेंट के भुगतान पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अब अगर आप में से कोई भी किसी फार्मा कंपनी या फर्म से जुड़ा है या काम करता है तो इन बातों का ध्यान जरूर रखियेगा।