UP teacher recruitment: लखनऊ में 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी, सीएम आवास का किया घेराव
69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थी लगातार अपनी आवाज उठा रहे है। वे अपनी मांगों को लेकर करीब 606 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे है। प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थियों ने एक बार फिर 14 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास का घेराव किया और नारेबाजी की।
UP teacher recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती (69000 teacher recruitment) प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थी लगातार अपनी आवाज उठा रहे है। वे अपनी मांगों को लेकर करीब 606 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे है। प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थियों ने एक बार फिर 14 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के आवास का घेराव किया और नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल कुछ महिला अभ्यर्थियों के साथ छोटे बच्चे भी थे। वे 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं। मौके पर मौजूद पुलिस बल के साथ अभ्यर्थियों की धक्का-मुक्की भी हुई।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विभाग के अधिकारी वादाखिलाफी कर रहे है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन (police administration) ने उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक एक बार भी हमारी मुलाकात नहीं कराई गई है। वहीं, इससे एक दिन पहले 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह (Basic Education Minister Sandeep Singh) के आवास का घेराव किया था। और सड़क पर बैठकर तालियों के साथ नारेबाजी की थी। इस बीच पुलिस अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच तू-तू मैं-मैं भी हुई थी। पुलिस ने अभ्यर्थियों की एक ना सुनी और सभी को बसों में भरकर धरना स्थल ईको गार्डन पहुंचा दिया।
लिस्ट आए हो रहे दो साल अभी तक नहीं मिला नियुक्ति पत्र
6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग कर रहे है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई है। जिसके चलते वे बीते दो साल से लगातार नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। वहीं एक फरवरी को ही बेसिक शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर मांगों पर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था और अधिकारियों को आदेश भी दिये थे। लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की। इस बीच अभ्यर्थी अधिकारियों पर मामले में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए फिर से बेसिक शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे। लेकिन उनको ये कह कर वहीं से हटा दिया गया था कि, मंत्री जी आवास पर नहीं है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि हाईकोर्ट में शिक्षक भर्ती की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ठीक ढंग से पैरवी नहीं कर रहे है। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उनका कहना है कि 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की लिस्ट आए दो साल हो रहे है। लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई है।
सरकार ने 2019 में निकाली थी 69000 शिक्षक भर्ती
दरअसल, यूपी सरकार ने 2019 में 69000 शिक्षक भर्ती निकाली थी। शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में आरक्षण को लेकर गड़बड़ी सामने आई थी। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले में सुनवाई कर मेरिट लिस्ट फिर से जारी करने की बात कही। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना की शिक्षक भर्ती में आरक्षण कोटे को सही से लागू नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को तीन महीने में फिर मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश दिये। कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने 5 जनवरी 2022 को 6800 सीटों की एक लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट के सामने आते ही अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
अभ्यर्थी इको गार्डन में लगातार कर रहे प्रदर्शन
मामला फिर कोर्ट तक गया। हाई कोर्ट ने आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की इस लिस्ट को खारिज कर दिया। इस लिस्ट को लेकर कहा गया था कि, इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों अभ्यर्थियों ने सरकार के चेतावनी दी। कहा गया था कि 22 जनवरी 2024 तक भर्ती पर को फैसला नहीं आया तो, हम बड़ा आंदोलन करेंगे। ये अभ्यर्थी लखनऊ के इको गार्डन में लगातार प्रदर्शन कर रहे है।