Bengal Shaheed Diwas: बंगाल में आज शहीद दिवस मना रही TMC, कोलकाता में ममता की रैली, पहली बार अखिलेश होंगे शामिल
पश्चिम बंगाल में आज 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी की ममता सरकार आज शहीद दिवस मना रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में रैली निकाल रही हैं।
Bengal Shaheed Diwas: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में आज 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी की ममता सरकार आज शहीद दिवस मना रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) कोलकाता (Kolkata) के एस्प्लेनेड क्षेत्र में रैली निकाल रही हैं। शहीद दिवस के मौके पर आयोजित इस रैली में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party President Akhilesh Yadav) भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दोपहर दो बजे शहीद दिवस रैली को संबोधित करेंगी।
चुनाव के बाद टीएमसी की पहली बड़ी रैली
दरअसल, पश्चिम बंगाल में लोकसभा (Lok Sabha) और विधानसभा उपचुनाव (assembly by-election) में बड़ी जीत के बाद टीएमसी (TMC) की यह पहली विशाल रैली है। इस रैली में राज्य भर से लाखों कार्यकर्ता शामिल हो रहे है। हर साल शहीद दिवस रैली के मंच से ममता बनर्जी पार्टी की रणनीति को लेकर बड़ी घोषणा करती हैं।
अखिलेश ने रैली में शामिल होने की जताई थी इच्छा
इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा कि, यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बंगाल का सम्मान करना, उसकी गरिमा और देश की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि अगर मौसम ठीक रहा तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस रैली में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि, मैंने सपा चीफ अखिलेश यादव को शहीद दिवस की रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, क्योंकि हम हर साल अपने दोस्तों को इस रैली में आमंत्रित करते हैं।
अखिलेश और ममता के बीच अच्छे संबंध
लोकसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का एक साथ एक मंच पर आना बड़ी बात माना जा है। दोनों नेता एक मंच से इंडिया गठबंधन (india alliance) की एकजुटता दिखाएंगे। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ ममता बनर्जी के अच्छे संबंध हैं। दोनों को कई मौकों पर एक साथ देखा गया है। उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में ममता ने अखिलेश के लिए प्रचार किया था, वहीं अखिलेश ने यूपी की भदोही लोकसभा सीट टीएमसी प्रत्याशी के लिए छोड़ी थी। हालांकि टीएमसी को उस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव ने खुद ममता बनर्जी को फोन करके शहीद दिवस रैली में शामिल होने की इच्छा जताई थी। अखिलेश यादव शहीद दिवस के मंच से इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा संदेश जारी कर सकते हैं।
कांग्रेस-ममता को पास लाना चाहते हैं अखिलेश यादव
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी। इसके कारण दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। बंगाल में कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया था। वहीं टीएमसी ने राज्य की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। ममता ने कहा था कि वे बंगाल में कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं रखेंगी, लेकिन केंद्र में वो इंडिया गठबंधन के साथ रहेंगी। वहीं, अब अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन को मजबूत करने के लिए ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच की दूरी को मिटाना चाहते है। जिससे बंगाल के आगामी विधाससभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को मजबूती मिले।
21 जुलाई को टीएमसी क्यों मनाती है शहीद दिवस
दरअसल, ममता बनर्जी के नेतृत्व में 21 जुलाई, 1993 को कोलकाता में फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र (Voter ID card with photo) की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था। उस दौरान पुलिस फायरिंग में कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की जान चली गई थी। उन्हीं की याद में ममता बनर्जी हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती हैं। ममता उस समय कांग्रेस की यूथ विंग की अध्यक्ष थीं और बंगाल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा का शासन था।