UP Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पीड़ित को 25 लाख मुआवजा देगी यूपी सरकार

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आखिरी फैसले में 'बुलडोजर जस्टिस' की कड़ी निंदा की। सीजेआई ने कहा कि 'कानून के शासन के तहत बुलडोजर जस्टिस बिल्कुल अस्वीकार्य है।

UP Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पीड़ित को 25 लाख मुआवजा देगी यूपी सरकार

UP Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने अपने आखिरी फैसले में 'बुलडोजर जस्टिस' (bulldozer justice) की कड़ी निंदा की। सीजेआई ने कहा कि 'कानून के शासन के तहत बुलडोजर जस्टिस (bulldozer justice) बिल्कुल अस्वीकार्य है। यदि इसे अनुमति दी गई तो अनुच्छेद 300ए के तहत संपत्ति के अधिकार की संवैधानिक मान्यता एक डेड लेटर बनकर रह जाएगी।

‘बुलडोजर एक्शन न्याय प्रणाली किसी भी सभ्य प्रणाली के लिए ठीक नहीं’

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने अपना आखिरी फैसला सुनाते हुए कहा, 'बुलडोजर के माध्यम से न्याय न्यायशास्त्र की किसी भी सभ्य प्रणाली के लिए ठीक नहीं है। ये गंभीर खतरा है कि यदि राज्य के किसी भी विंग या अधिकारी को गैरकानूनी व्यवहार की अनुमति दी जाती है, तो बाहरी कारणों से नागरिकों की संपत्तियों को बदला लेने की नियत से ध्वस्त कर दिया जाएगा। 

'घरों को तोड़कर नागरिकों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता'

सीजेआई (CJI) ने कहा कि नागरिकों की आवाज को उनकी संपत्तियों और घरों को बुलडोजर से नष्ट करने की धमकी देकर दबाया नहीं जा सकता। एक व्यक्ति के पास उसका घर अंतिम सुरक्षा के रूप में होता है। घरों पर बुलडोजर चलाना किसी भी कीमत पर सभ्य समाज की न्याय प्रणाली है। उन्होंने कहा कि हम सुरक्षा उपायों की कुछ सीमाएं निर्धारित करने का प्रस्ताव करते हैं, जिन्हें नागरिकों की संपत्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से पहले पूरा किया जाना चाहिए। कानून निस्संदेह सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण को उचित नहीं ठहराता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारी इस प्रकार से बुलडोजर एक्शन का गलत तरीके से फायदा उठा सकते हैं। वे अपने निजी प्रतिशोध के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 25 लाख का मुआवजा देने का दिया आदेश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ये सारी टिप्पणियां 2019 में यूपी के महाराजगंज (Maharajganj) में बुलडोजर एक्शन से जुड़े एक केस में की हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस केस पर फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि बिना किसी तय प्रक्रिया के तहत हाईवे के मकानों पर बुलडोजर चलाया गया। यह पूरी प्रक्रिया 'क्रूर' थी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया कि अंतरिम उपाय के रूप में याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। याचिकाकर्ता का घर एक सड़क परियोजना के लिए तोड़ दिया गया था।