Jharkhand assembly elections 2024: झारखंड और पश्चिम बंगाल में ईडी की रेड; बांग्लादेशी घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल और झारखंड में 17 जगहों पर छापेमारीकी है। जानकारी के मुताबिक यह मामला बांग्लादेशी घुसपैठ, देह व्यापार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा बताया जा रहा है। वहींकल यानी 13 नवंबर को झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 43 सीटों पर वोटिंग होनी है।

Jharkhand assembly elections 2024: झारखंड और पश्चिम बंगाल में ईडी की रेड; बांग्लादेशी घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

Jharkhand assembly elections 2024: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल और झारखंड में 17 जगहों पर छापेमारीकी है। जानकारी के मुताबिक यह मामला बांग्लादेशी घुसपैठ, देह व्यापार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा बताया जा रहा है। वहींकल यानी 13 नवंबर को झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 43 सीटों पर वोटिंग होनी है।

देह व्यापार से भी जुड़ रहे तार

शुरुआती जांच में सामने आया है कि ED की टीम कई लोगों और संगठनों पर सीमा पार कर घुसपैठ से जुड़ी वित्तीय गड़बड़ियों की जांच कर रही है। आपको बता दें कि रांची पुलिस ने इसी साल जून में बरियातू थाना क्षेत्र के हिल व्यू रोड बाली रिजॉर्ट से तीन संदिग्ध बांग्लादेशी युवतियों को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार तीनों युवतियों की पहचान बांग्लादेश के चटग्राम की रहने वाली निंपी बिरूआ, समरीन अख्तर व निपा अख्तर के रूप में हुई थी। वहीं तीनों ही युवतियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उन्हें मनीषा राय नामक की एक अन्य लड़की की मदद से बांग्लादेश से जंगल के रास्ते पहले कोलकाता ले जाया गया था और फिर वहां से रांची लेकर आई थी। उन्हें बहला फुसला कर ब्यूटी सैलून में जॉब दिलाने की बात कही गई थी, लेकिन यहां उनसे जिस्मफरोशी कराई जाने लगी।

गिरफ्तार लड़कियों को कोर्ट ने दी थी जमानत

गिरफ्तार बांग्लादेशी युवतियों ने जांच में बताया कि रांची के बरियातू थाने में 4 जून को FIR (संख्या 188/2024) दर्ज हुई थी। उन सब पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 34, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14-ए के तहत यह केस दर्ज हुआ था। आपको बता दें कि पुलिस ने बाली रिजॉर्ट से जिन 3 लड़कियों को हिरासत में लिया था, कोर्ट से उन्हें 10-10 हजार रुपए के निजी मुचलके पर इसी शर्त पर जमानत दी थी ताकि वे मामले की जांच में सहयोग करेंगी। हालांकि 20 दिन पहले जब ED की टीम मामले की जांच को लेकर बरियातू थाने पहुंची तब थाना प्रभारी मनोज कुमार से पूछा गया कि तीनों युवतियां कहां हैं तो उन्होंने बताया कि उन्हें उनके बारे में जानकारी नहीं है। बताया जा रहा है कि बरियातू पुलिस ने युवतियों के पास से जो आधार कार्ड जब्त किया था, वह भी फर्जी था।