Rahul Gandhi:राहुल ने किया दिवंगत पतंगराव की प्रतिमा का अनावरण 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज महाराष्ट्र दौरे पर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा की संबोधित किया, जिस दौरान राहुल ने शिवाजी की मूर्ति गिरने पर  बात की, उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने शिवाजी की मूर्ति गिरने पर माफी मांगी।

Rahul Gandhi:राहुल ने किया दिवंगत पतंगराव की प्रतिमा का अनावरण 

Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Party President Mallikarjun Kharge) आज महाराष्ट्र दौरे पर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा की संबोधित किया, जिस दौरान राहुल ने शिवाजी की मूर्ति गिरने पर  बात की, उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने शिवाजी की मूर्ति गिरने पर माफी मांगी। इस माफी के तीन कारण हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने माफी के तीन कारण भी बताये। पहली माफी पीएम ने RSS के आदमी को मूर्ति बनाने का कान्ट्रैक्ट देने के लिए मांगी, दूसरी, पीएम मूर्ति में भ्रष्टाचार होने के लिए और तीसरी मूर्ति के रखवाली न कर पाने के लिए मांगी। 

राहुल ने किया दिवंगत पतंगराव की प्रतिमा का अनावरण 

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के सांगली में जनसभा से पहले पूर्व राज्य मंत्री दिवंगत पतंगराव कदम की प्रतिमा का अनावरण किया। कदम का निधन 2018 में हो गया था। इस दौरान महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात भी मौजूद रहें।

पीएम मोदी ने मांगी माफी

पालघर में मोदी ने 27 अगस्त को एक प्रोग्राम के दौरान  सिंधुदुर्ग में शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर माफी मांगी थी। और कहा था कि "हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक महाराजा नहीं हैं, हमारे लिए वे पूजनीय हैं। आज मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं।" पीएम मोदी से महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे, डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी माफी मांग चुके हैं। 

शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण  

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह के दौरान किया था। इस प्रतिमा को लगाने के पिछे का मकसद, छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और मराठा नौसेना के आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करना था।