NPS Account: अब UPI-QR के जरिए हो सकेगी NPS में पेमेंट, जानें क्या है प्रोसेस

PFRDA यानी पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने NPS सब्‍सक्राइबर्स को UPI QR कोड के जरिए डी-रेमिट पेमेंट करने की परमिशन दे दी है।

NPS Account: अब UPI-QR के जरिए हो सकेगी NPS में पेमेंट, जानें क्या है प्रोसेस

NPS Account: नेशनल पेंशन सिस्टम यानि NPS में पैसा लगाने वालों के लिए अच्छी खबर है। आज ‘आपके मतलब की खबर’ में हम आपको NPS सिस्टम के बारे में बताएंगे। PFRDA यानी पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने NPS सब्‍सक्राइबर्स को UPI QR कोड के जरिए डी-रेमिट पेमेंट करने की परमिशन दे दी है। PFRDA ने बताया कि इससे कॉन्ट्रिब्यूशन प्रोसेस आसान हो जाएगी। इससे ग्राहकों को रिटायरमेंट सेविंग्स को कंट्रोल और मैनेज करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इससे तीन और फायदे लोगों को मिलेगे।

  1. सेम-डे इन्वेस्टमेंट: यानी जिस दिन पेमेंट किया उसी दिन से इन्वेस्टमेंट शुरू। आप अगर सुबह 9:30 बजे से पहले कॉन्ट्रिब्यूशन जमा करते हैं, तो यह उसी दिन निवेश हो जाएगा। इससे बेहतर रिटर्न में मदद मिलेगी।
  2. पीरियोडिकल ऑटो डेबिट: पेमेंट को रेगुलर करने के लिए आप इस सुविधा के तहत मंथली, क्वार्टरली, हाफ-इयरली अवधियों के लिए ऑटो डेबिट पेमेंट मोड सेट कर सकते हैं।
  3. वन-टाइम या रेगुलर कॉन्ट्रिब्यूशन: जमाकर्ता अपने फाइनेंशियल गोल या अपनी सुविधा के अनुसार इसमें जब चाहे पेमेंट कर सकता है। इसमें वन टाइम या रेगुलर पेमेंट मोड सिलेक्ट करने की आजादी रहेगी।


डी-रेमिट क्या है?

डी-रेमिट एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है, जिसके जरिए NPS में जमा की जाने वाली राशि आपके बैंक अकाउंट से सीधा आपके ट्रस्टी बैंक के खाते में चली जाती है। इससे आपके NPS में इन्वेस्ट करने के दिन ही NAV यानी नेट एसेट वैल्यू मिल जाता है। डी-रेमिट का इस्तेमाल करने के लिए सब्सक्राइबर्स के पास ट्रस्टी बैंक के साथ डी-रेमिट आईडी का होना जरूरी है। इस वर्चुअल अकाउंट का उपयोग केवल NPS कॉन्ट्रिब्यूशन भेजने के लिए ही किया जा सकता है। नेशनल पेंशन सिस्टम को सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। इस तारीख के बाद जॉइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना अनिवार्य है। साल 2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया।

NPS लेने की एलिजिबिलिटी क्या है?

कोई भी भारतीय नागरिक NPS अकाउंट ओपन करवा सकता है। उसकी उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए। एप्लिकेशन फॉर्म में दिए गए KYC के सभी पैरामीटर पूरे होने चाहिए। इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट करते समय कानूनी रूप से एलिजिबल होना चाहिए। भारत के विदेशी नागरिक, भारतीय मूल का विदेशी नागरिक और हिंदू अविभाजित परिवार एनपीएस की सदस्यता के लिए पात्र नहीं हैं। NPS एक निजी पेंशन अकाउंट है, इसलिए इसे आपकी जगह पर कोई दूसरा व्यक्ति अकाउंट नहीं खोल सकता।

NPS अकाउंट ओपन करने का प्रोसेस

NPS को आधार या पैन कार्ड की मदद से घर बैठे ओपन किया जा सकता है। सबसे पहले नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट की वेबसाइट पर जाएं। Registration पर क्लिक करें। फिर Register With Aadhar का ऑप्शन चुनें। आधार नंबर डालने के बाद OTP जनरेट करें। फिर सबमिट कर के वेरिफाई करें। अब आपके डेमोग्रेफिक डेटा खुद ही फिल हो जाएंगे। बाकी जानकारियां आपको खुद भरनी होगी। इसके बाद स्कैन किया हुआ सिग्नेचर अपलोड करें। आपकी फोटो आएगी, अगर बदलना हो तो फोटो बदल भी सकते हैं। फिर पेमेंट करें। इसके बाद आपका NPS अकाउंट खुल जाएगा।

NPS के फायदे 

NPS में अपने पैसों को अलग अलग चीजों में निवेश कर सकते हैं। रिटायरमेंट पर मोटा फंड मिलता है। NPS बुढ़ापे में रेगुलर इनकम का इंतजाम होता है। कई तरह के टैक्स से छूट का लाभ मिलता है। और नौकरी बदलने पर भी आपका अकाउंट चलता है।