Method of Worship Of Shanidev : भूलकर कर भी घर में न रखें शनिदेव की प्रतिमा, हो जाएगा भारी नुकसान
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। उन्हें प्रसन्न करने से भक्तों पर कृपा बरसती और उनके भाग्य खुल जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ जिस पर भी शनिदेव की कुदृष्टि पड़ती है उसके जीवन में दुख और परेशानियां घर कर जाते हैं।
Method of Worship Of Shanidev: भगवान शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। उन्हें प्रसन्न करने से भक्तों पर कृपा बरसती और उनके भाग्य खुल जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ जिस पर भी शनिदेव की कुदृष्टि पड़ती है उसके जीवन में दुख और परेशानियां घर कर जाते हैं। हिन्दू धर्म में कई देवी देवताओं की पूजा की जाती है लोग उनकी तस्वीरें और मूर्ति घर में रखतें है। लेकिन शनि देव की मूर्ति घर में नही रखी जाती है। जहां एक ओर देवी देवताओं की मूर्ती मंदिर में रखना शुभ माना जाता है वहीं दूसरी तरफ शनिदेव को एक ऐसे देवता माना जाते हैं जिनकी प्रतिमा या मूर्ति घर में रखना वर्जित माना जाता है।
शनिदेव की मूर्ति मंदिर में क्यों नही रखी जाती है
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में शनिदेव की मूर्ति या प्रतिमा रखना अशुभ फलदायक माना जाता है। शनिदेव की मूर्ति घर में न रखने के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि शनिदेव को उनकी पत्नी द्वारा श्राप मिला था कि जिस पर भी उनकी दृष्टि पड़ेगी उसी का अशुभ होना शुरू हो जाएगा।
क्या है कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, शनि देव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त थे और हमेशा उनकी भक्ति में ही लीन रहते थे। एक बार शनिदेव की पत्नी उनसे मिलने आई थी, उस वक्त वो अपने अराध्य श्री कृष्ण की भक्ति में लीन थे। शनिदेव की पत्नी ने बहुत प्रयास किये की उनका ध्यान टूटें ताकि वो उनकी बात सुनें लेकिन ऐसा नही हुआ।
ये भी पढें-Shani dev Stuti: शनिदेव को करना है प्रसत्र, तो शनिवार को करें इस स्तुति का जाप
इससे क्रोधित होकर शनिदेव की पत्नी ने उन्हें श्राप दिया कि जिसपर भी शनिदेव की दृष्टि पड़ेगी उसका अमंगल होगा। शनिदेव जब अपनी तपस्या से जगें तो उन्हें इस बात का अहसास हुआ। उन्होंने जाकर अफनी पत्नी से माफी मांगी और श्राप वापस लेने को कहा । लेकिन शनिदेव की पत्नी के पास श्राप वापस लेने की शक्ति नही थी।
इस कारण ही शनिदेव सदैव सिर छुकाकर चलते है ताकि गलती से भी किसी पर उनकी दृष्टि न पड़े और उस इंसान का बुरा न हो।
शनिदेव की दृष्टि के कारण ही घर के मंदिर में उनकी कोई भी तस्वीर या मूर्ति नही रखी जाती है। कहा जाता है कि शनिदेव के सिर्फ चरण कमलों के ही दर्शन करने चाहिए।