Lucknow News: टीचर को हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करने पर स्कूल से निकाला, लखनऊ के CMS स्कूल का मामला
यूपी की राजधानी लखनऊ के एक बड़े निजी स्कूल ने टीचर को हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करने के कारण नौकरी से निकाल दिया। मैथ के टीचर कुलदीप तिवारी (Teacher Kuldeep Tiwari) ने लखनऊ के मशहूर स्कूल सीएमएस पर नौकरी से निकालने का आरोप लगाया है।
Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के एक बड़े निजी स्कूल ने टीचर को हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करने के कारण नौकरी से निकाल दिया। मैथ के टीचर कुलदीप तिवारी (Teacher Kuldeep Tiwari) ने लखनऊ के मशहूर स्कूल सीएमएस (CMS) पर नौकरी से निकालने का आरोप लगाया है। टीचर कुलदीप तिवारी का आरोप है कि वह पिछले 15 साल से सीएमएस की राजेंद्र नगर ब्रांच (Rajendra Nagar Branch of CMS) में मैथ के टीचर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। लेकिन कोरोनाकाल के बाद से माथे पर तिलक लगाने और चोटी रखने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया।
तिलक लगाने और छोटी शिखा बड़ी करने पर नौकरी से निकाला
टीचर कुलदीप तिवारी ने बताया कि वह काफी लंबे समय से सीएमएस स्कूल में 9वीं और 10वीं क्लास के बच्चों को मैथ पढ़ा रहे थे। शुरुआत में वे रोजाना माथे पर तिलक नहीं लगाते थे और उनकी छोटी शिखा यानी चोटी भी बड़ी नहीं थी। लेकिन, कोरोनाकाल के दौरान जब वे ज्यादा समय तक घर में रुके तो उनके बाल बड़े हो गए और शिखा भी बढ़ गई। इसके साथ ही घर में रोज पूजा-पाठ के दौरान उन्होंने तिलक लगाना भी शुरू कर दिया। फिर स्कूल खुलने के बाद भी वो तिलक लगाकर ही स्कूल आते रहे। जिसकी वजह से राजेंद्र नगर ब्रांच के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने मैनेजमेंट से कहकर उन्हें नौकरी से निकलवा दिया।
स्कूल प्रिंसिपल ने त्यागपत्र देने का बनाया दबाव
टीचर कुलदीप तिवारी (Teacher Kuldeep Tiwari) ने बताया कि भोजशाला केस में सुनवाई के लिए मैं अप्रैल 2024 के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश गया था। इसके बाद जब मैंने वहां से लखनऊ लौटकर स्कूल जाना शुरू किया। इस बीच स्कूल की प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल दोनों लगातार मेरे ऊपर इस्तीफा देने का दबाव बनाती रही। वहीं जब मैं उनकी बात नहीं मानी तो जून महीने की 12 तारीख को मुझे लीगल नोटिस भेजी गई। इसके बाद 30 जून को मुझे नौकरी से निकाले जाने का पत्र दे दिया गया।
स्कूल प्रशासन पर हिंदू भावनाओं की अनदेखी करने का आरोप
टीचर का आरोप हैं कि स्कूल प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को मेरे तिलक लगाने और चोटी रखने पर आपत्ति थी। उनका कहना था कि स्कूल में मुस्लिम धर्म के भी कई छात्र हैं। ऐसे में आपकी ये वेशभूषा देखकर उनके माता-पिता नाराज होंगे। टीचर ने सीएमएस स्कूल प्रशासन पर हिंदू भावनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाने के साथ ही स्कूल में धर्म विशेष के शिक्षकों को वरीयता से भर्ती करने की बात कही।
हिंदू और सनातन धर्म से जुड़े मामलों जुड़ हैं कुलदीप तिवारी
जानकारी के मुताबिक, टीचर कुलदीप तिवारी वाराणसी के ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi case of Varanasi) और मथुरा मामले (mathura case) के याचिकाकर्ता रहे हैं। इसके अलावा ने मध्य प्रदेश के भोजशाला मामले (Bhojshala cases of Madhya Pradesh) के भी मुख्य वादी रहे हैं। इसके अलावा वे हिंदू और सनातन धर्म से जुड़े मामलों को लेकर वो सजग रहते हैं। कई मौके पर उन्होंने आवाज भी उठाई है। कहा जा रहा है कि इन्हीं कारणों से सीएमएस स्कूल मैनेजमेंट (CMS School Management) ने कुलदीप तिवारी को पद से हटा दिया है।
धर्म के आधार पर छात्रों से करते थे भेदभाव- सीएमएस प्रवक्ता
सीएमएस के प्रवक्ता ऋषि खन्ना ने बताया कि कुलदीप तिवारी पर कई छात्रों और उनके पेरेंट्स ने पिटाई करने के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही उन पर धर्म के आधार पर छात्रों से भेदभाव करने के भी आरोप लगे थे। इसके अलावा प्रिंसिपल और अन्य स्टॉफ से अभद्रता करने की शिकायत भी आई थी। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने 11 साल ही नौकरी की है। इनका अपॉइंटमेंट 30 जून 2024 को खत्म हो रहा था। इसके बाद उन्हें फिर से सेवा विस्तार नहीं दिया गया।