Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन दिलाने के नाम पर 24 करोड़ की धोखाधड़ी में हुई पहली गिरफ्तारी

आरोपियों ने जमीन के फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज तैयार कर कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की थी। थाना प्रभारी ने बताया कि नोएडा और गाजियाबाद के चार लोगों के साथ आरोपियों ने 24 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी जमीन दिलाने के नाम पर कर ली थी।

Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन दिलाने के नाम पर 24 करोड़ की धोखाधड़ी में हुई पहली गिरफ्तारी

Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन बेचने के नाम पर 24 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में सेक्टर-63 पुलिस ने शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी की। गिरफ्त में आए आरोपी की पहचान रबुपुरा निवासी 32 वर्षीय आकिल के रूप में हुई है। इस मामले में 15 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

24 करोड़ की धोखाधडी

आरोपियों ने जमीन के फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज तैयार कर कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की थी। थाना प्रभारी ने बताया कि नोएडा और गाजियाबाद के चार लोगों के साथ आरोपियों ने 24 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी जमीन दिलाने के नाम पर कर ली थी। पीड़ित ने इस मामले में 16 लोगों को नामजद करते हुए सेक्टर-63 में केस दर्ज कराया था।

राजनीतिक परिवार का सदस्य होने का दावा

शिकायत में गौरव शर्मा ने बताया था कि वह गोपेश रोहतगी, यतीश अग्रवाल और शिल्पी अग्रवाल के साथ व्यवसाय करता है। 2022 के शुरुआत में चारों की मुलाकात सचिन भाटी और रविंद्र शर्मा से हुई। दोनों ने खुद को जेवर के बड़े जमींदारों और राजनीतिक परिवारों का सदस्य होने का दावा किया। दोनों ने चारों लोगों को अन्य लोगों से मिलाया और बताया कि उनके पास जेवर में निर्माणाधीन हवाई अड्डे के पास बड़े क्षेत्रफल में कृषि भूमि है।

कृषि भूमि दिलाने का वादा 

आरोपियों ने कहा कि वह 100 से 200 बीघा कृषि भूमि दिलाएंगे। यह भी दावा किया कि उनके पास दलालों, अधिवक्ताओं, पटवारियों और तहसीलदार की बड़ी टीम है। पीड़ित का कहना है कि वर्ष 2022 में उन्होंने भूमि क्रय करने के लिए आरोपियों को करीब 24 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया। इसके एवज में आरोपियों ने फर्जी राजस्व दस्तावेज दे दिए। पीड़ितों ने आरोपियों से खरीदी गई भूमि के राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की प्रति मांगी तो बहाने बनाने लगे। आरोपियों ने पीड़ितों से कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराकर गवाह भी बना लिया।

फर्जी दस्तावेज के आधार पर खोला खाता

इसके बाद जांच करने पर पता चला कि खरीदी गई भूमि अस्तित्व में नहीं थी। सभी दस्तावेज फर्जी थे। बैंकों में जाली दस्तावेजों के आधार पर खाते खोले गए थे। पीड़ितों से लिए गए चेक आरोपियों ने बैंक खातों में डाले और नकद राशि कुछ ही दिन में निकाल ली। पीड़ितों ने जब आरोपियों से धनराशि वापस करने की मांग की तो उन्होंने अंजाम भुगतने की धमकी दी।

मुकदमा हुआ दर्ज 

इस मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सचिन भाटी, रविंद्र शर्मा, धीरज शर्मा, सोनू शर्मा, ऋषि पाल, आस मोहम्मद, मोहम्मद, आकील, साकिर, विनीत कुमार गुप्ता, मुदस्सिर, साकिर, इरशाद, सलाउद्दीन, तारीकत खान, नरेंद्र व अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में पहली गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य आरोपियों के बारे में भी अहम जानकारी मिली है। जल्द ही उन्हें भी दबोचने का दावा किया जा रहा है।