Independence day: आखिर 15 अगस्त को ही क्यों चुना गया देश के लिए आजादी का दिन

देश आज अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस आजादी को पाने के लिए न जाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। 78 साल पहले 15 अगस्त 1947 को भारत ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया था। लेकिन क्या आप जानते है कि, देश की आजादी के लिए एक यही दिन ही क्यों चुना गया, इसके पीछे भी बड़ी वजह है जो हर एक भारतीय नागरिक को पता होनी चाहिए।

Independence day: आखिर 15 अगस्त को ही क्यों चुना गया देश के लिए आजादी का दिन

Independence day:देश आज अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस(78th independence day) मना रहा है। इस आजादी को पाने के लिए न जाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। 78 साल पहले 15 अगस्त 1947 को भारत ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस(India celebrated its first independence day) मनाया था। लेकिन क्या आप जानते है कि, देश की आजादी के लिए एक यही दिन ही क्यों चुना गया, इसके पीछे भी बड़ी वजह है जो हर एक भारतीय नागरिक को पता होनी चाहिए। तो आज हम आपको बतायेंगें की आखिर क्यों 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। 

क्या है इंडियन इंडिपेंडेंस बिल  

भारत की आजादी के इतिहास के एक जरूरी पहलू को उजागर करती है। ब्रिटिश शासन(British rule) के मूल योजना के अनुसार भारत को 30 जून, 1948 को आजाद होना था। लेकिन, नेहरू और जिन्ना(Nehru and Jinnah) के बीच पाकिस्तान के बंटवारे को लेकर पैदा हुए तनाव और सांप्रदायिक दंगों के बढ़ते खतरे ने इस योजना को बदल दिया। बता दें कि जिन्ना ने पाकिस्तान को भारत से अलग करने की मांग की थी।  जिसके कारण लोगों में सांप्रदायिक झगड़े की संभावना काफी हद तक बढ़ने लगी थी, जिसके चलते भारत को 15 अगस्त 1947 को ही आजादी देने का फैसला लिया गया था। लार्ड माउंटबेटन(lord mountbatten) ने 4 जुलाई को 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स(British House of Commons) में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल(Indian Independence Bill) प्रस्तुत किया, जिसे ब्रिटिश संसद(British Parliament) में मंजूरी दी गई और बाद में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। 

माउण्टबेटन ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुना

यह दिन भारत के आखिरी वायसराय लोर्ड माउण्टबेटन के लिए बेहद खास था। दरअसल 15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्र्व युद्ध(world war 2) के दौरान जापानी आर्मी ने ब्रिटिश सरकार के सामने घुटने टेक दिए थे। जापान के आत्मसमर्पण के कारण 15 अगस्त उनके लिए एक खास दिन था। यहीं कारण था कि माउण्टबेटन ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुना। 

महात्मा गांधी क्यों नहीं हुए थे शामिल 

आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि 15 अगस्त 1947 के दिन महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) जिन्हें आजादी का सूत्रधार कहा जाता है वो स्वतंत्रता दिवस पर शामिल नहीं थे। बता दें कि बापू 15 अगस्त को खुश नहीं बल्कि बेहद दुखी थे। इसके पीछे की बड़ी वजह ये बताई है कि भारत को भले ही ब्रिटिश राज्य से आजादी मिल गई थी, लेकिन अंग्रेजों ने जाते-जाते देश को दो टुकड़ों में बांट दिया था, बंगाल और पंजाब जल रहा था। हिंदू और मुस्लिम लोग एक दूसरे को काटने में लगे थे। यही कारण था कि महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी के जश्न में शामिल नहीं हुए थे। इस दिन महात्मा गांधी कोलकाता में थे। आजादी के दिन बंगाल के नोआखली में हिंदू-मुसलमानों(Hindu-Muslims) के बीच दंगा भड़का हुआ था। ऐसे में नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच शांति कायम करने के लिए महात्मा गांधी गांव-गांव घूम रहे थे। जिस कारण वो देश के पहले स्वतंत्रता दिवस में शामिल नहीं हो सके। 

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