Independence day Unknown Facts:आजादी के पहले स्वतंत्रता दिवस पर क्यों शामिल नहीं हुए थे महात्मा गांधी?

15 अगस्त 1947 को जब पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था तब महात्मा गांधी इस जश्न में शामिल नहीं हुए थे। तो इसी पर आज हम आपको बतायेगें कि आखिर क्यों महात्मा गांधी जश्न में शामिल नहीं हुए थे। 

Independence day Unknown Facts:आजादी के पहले स्वतंत्रता दिवस पर क्यों शामिल नहीं हुए थे महात्मा गांधी?

Independence day Unknown Facts:भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए कई वीरों ने अपनी प्राणों की शहादत दी। जिनमें कुछ नाम ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के बाद देश की राजनीति और संविधान में अपना अहम योगदान दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भारत की आजादी का सूत्रधार कहा जाता है। बापू ने अहिंसा की राह पर चलकर अंग्रेजों को भारत से खदेड़ दिया, लेकिन क्या आपको पता है कि 15 अगस्त 1947 को जब पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था तब महात्मा गांधी इस जश्न में शामिल नहीं हुए थे। तो इसी पर आज हम आपको बतायेगें कि आखिर क्यों महात्मा गांधी जश्न में शामिल नहीं हुए थे। 

महात्मा गांधी क्यों शामिल नहीं हुए थे

आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि 15 अगस्त 1947 के दिन महात्मा गांधी जिन्हें आजादी का सूत्रधार कहा जाता है वो स्वतंत्रता दिवस पर शामिल नहीं थे। बता दें कि बापू 15 अगस्त को खुश नहीं बल्कि बेहद दुखी थे। इसके पीछे की बड़ी वजह ये बताई है कि भारत को भले ही ब्रिटिश राज्य से आजादी मिल गई थी, लेकिन अंग्रेजों ने जाते-जाते देश को दो टुकड़ों में बांट दिया था, बंगाल और पंजाब जल रहा था। हिंदू और मुस्लिम लोग एक दूसरे को काटने में लगे थे। यही कारण था कि महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी के जश्न में शामिल नहीं हुए थे। इस दिन महात्मा गांधी कोलकाता में थे। आजादी के दिन बंगाल के नोआखली में हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगा भड़का हुआ था। ऐसे में नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच शांति कायम करने के लिए महात्मा गांधी गांव-गांव घूम रहे थे। जिस कारण वो देश के पहले स्वतंत्रता दिवस में शामिल नहीं हो सके।

जवाहरलाल नेहरू ने बापू को पत्र लिखा

आजादी के वक्त जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) और सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) ने महात्‍मा गांधी को पत्र भेजकर स्वाधीनता दिवस पर आशीर्वाद देने के लिए बुलाया था। गांधी ने पत्र के जवाब में लिखा था, ''जब देश में सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में वो कैसे आजादी के जश्न में शामिल हो सकते हैं।''