Divya Deshmukh: कौन है दिव्या देशमुख, बोलेस्लाव क्रिस्टेवा को हराकर बनीं चैपिंयन
दिव्या देशमुख ने गुरुवार, 13 जून को गांधीनगर में लड़कियों के वर्ग में वर्ल्ड जूनियर शतरंज चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीता। उन्होंने लास्ट राउंड में बुल्गारिया की बेलोस्लावा क्रस्टेवा को हराकर चैपिंयनशिप हासिल की।
Divya Deshmukh: शतरंज खेलना और उसमें चैपिंयनशिप का खिताब हासिल करना हर किसी के बस की बात नहीं होती।लेकिन भारत की दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने महज 18 साल की उम्र में शतरंज के अच्छे अच्छे धुरंधरों को मात देकर 2024 के वर्ल्ड जूनियर शतरंज चैंपियनशिप (World Junior Chess Championship) का खिताब अपने नाम किया है। दिव्या शतरंज के खेल की इंटरनेशनल मास्टर हैं। दिव्या इतनी छोटी सी उम्र में अपनी मेहनत औऱ सूझ बूझ से सफलता के उस शिखर पर पहुंच चुकी हैं जहां तक पहुंचना दिव्या की हमउम्र लड़कियों का ख्वाब होता है।लेकिन दिव्या देशमुख ने इस ख्वाब को हकीकत में बदलकर ना सिर्फ इतिहास रचा है बल्कि पूरे हिंदुस्तान का नाम रौशन किया है।
बेलोस्लावा क्रस्टेवा को हराकर बनीं चैपिंयन
दिव्या देशमुख ने गुरुवार, 13 जून को गांधीनगर में लड़कियों के वर्ग में वर्ल्ड जूनियर शतरंज चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीता। उन्होंने लास्ट राउंड में बुल्गारिया की बेलोस्लावा क्रस्टेवा (Boleslav Kristeva of Bulgaria) को हराकर चैपिंयनशिप हासिल की। फिडे रेटिंग के अनुसार टॉप 20 जूनियर लड़कियों में से दिव्या और क्रस्टेवा टॉप थ्री में थीं। इंटरनेशनल मास्टर दिव्या ने आखिरी राउंड में साथी भारतीय साची जैन को हराकर अपने अंकों की संख्या 9 कर ली थी। वहीं दिव्या ने आर्मेनिया की मरियम मकर्चयन पर आधे अंक की बढ़त बना ली थी।
दिव्या खिताब जीतने वाली चौथी भारतीय महिला
दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) कोनेरू हम्पी(Koneru Hampi), हरिका द्रोणावल्ली (Harika Dronavalli) और सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) के बाद फीडे अंडर -20 लड़कियों की विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाली चौथी भारतीय महिला हैं।दिव्या देशमुख इस बार के प्रतियोगिता में अजेय रहीं। अपने आखिरी राउंड-रॉबिन मैच में उन्होंने बुल्गारियाई ग्रैंड मास्टर बेलोस्लावा क्रस्टेवा को हराया। वो 11 अंकों में से कुल 10 अंकों के साथ टॉप पर रह कर गोल्ड मेडल जीता।
कौन है दिव्या देशमुख?
9 दिसंबर 2005 को पैदा हुई दिव्या देशमुख नागपुर की रहने वाली हैं। वो एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं, उनके पास इंटरनेशनल मास्टर की उपाधि है। आईएम दिव्या देशमुख भारत की साल 2022 महिला शतरंज और 2023 एशियाई महिला शतरंज चैंपियन हैं।दिव्या देशमुख अब 20 साल से कम उम्र की दूसरी सबसे ज्यादा रेटिंग वाली लड़की बन गई हैं और फीडे महिलाओं की लिस्ट में विश्व में अब 20वें नंबर पर आ गई हैं। अब वो हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित होनी वालो 2024 शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम का हिस्साहोंगी।
1951 में शुरू हुई थी विश्व जूनियर शतरंज चैम्पियनशिप
विश्व जूनियर शतरंज चैम्पियनशिप की शुरुआत साल 1951 में 20 साल से कम उम्र के शतरंज खिलाड़ियों के लिए हुई थी। शुरुआत में, येचैंपियनशिप हर दो साल बाद आयोजित किया जाता था, लेकिन 1973 से इसे वार्षिक रूप से आयोजित किया जाने लगा। वहीं साल 1982 में लड़कियों को भी चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने की अनुमति दी गई।