Crying is beneficial for health:रोना भी सेहत के लिए हो सकता है फायदेमंद, जानें कैसे
अपनी समस्याओं से दुखी व्यक्ति जब उसका समाधान नहीं निकाल पाता तो वह रोने लगता है। ऐसे तो रोने को अच्छा नहीं मानते लेकिन, आज ‘काम की खबर’में हम आपको रोने से जुड़ी कुछ अच्छी बातें बताएंगे।
Crying is beneficial for health:रोना किसी के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता, आज के समय में हर इंसान किसी न किसी समस्या के कारण परेशान है। अपनी समस्याओं से दुखी व्यक्ति जब उसका समाधान नहीं निकाल पाता तो वह रोने लगता है। ऐसे तो रोने को अच्छा नहीं मानते लेकिन, आज ‘काम की खबर’में हम आपको रोने से जुड़ी कुछ अच्छी बातें बताएंगे।
बेयर ग्रिल्स ने मेंटल हेल्थ पर किया शो
आपने डिस्कवरी चैनल तो जरूर देखा होगा और इस पर आने वाले शो मैन वर्सेज़ वाइल्ड भी देखा होगा। मैन वर्सेज़ वाइल्ड शो (man vs wild show) करने वाले बेयर ग्रिल्स (bear grylls) ने मेंटल हेल्थ (mental health) पर हाल ही में एक शो किया है। शो के दौरान बेयर ग्रिल्स ने कहा कि वे काफी रोते हैं और जी भर कर रोते हैं। उनकी ये बात सुनकार लोग हैरान थे। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि हमें रोना चाहिए क्योंकि अगर रोने से खाली नुकसान ही हो रहा होता तो हमारी आखों में टियर डक्ट क्यों बने होते? अब सवाल ये कि क्या बेयर की इस बात के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है और रोने से क्या बदलाव आ जाएगा। इसे हम इस प्रकार से समझेंगे-
रोने से शरीर में होते है कई बदलाव
जब व्यक्ति दुखी होता हैं या बहुत खुश होता है तो दोनों ही स्थितियों में आंखों से आंसू निकल ही आते है। आमतौर पर आंसुओं का काम आंखों में नमी बनाए रखना होता है। लेकिन रोते समय आने वाले आंसू हमारे शरीर में ऐसे कई बदलाव भी लाते हैं, जिससे व्यक्ति को थोड़ी सुकून मिलता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोने से PNSयानि सिंपैथेटिक सिस्टम एक्टिव हो जाता है जो हमारे दिमाग को शांत रखने में हमारी मदद करता है। रोने से शरीर में ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन नाम के हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक दर्द में आराम पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं हेल्दी स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल भी रिलीज होता है, जो रोने के बाद मन को हल्का करने में मदद करता है। लेकिन अब इसका मतलब ये नहीं की आप बेवजह रोएंगे। ज्यादा रोने के नुकसान भी हैं।
हालांकि हमें ये समझना होगा कि दुनिया में अधिकतर लोग ऐसे हैं जो खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहते हैं। वे मानते हैं कि रोने से दूसरे लोग उन्हें कमजोर समझेंगे। लेकिन एक बात आपको याद रखनी चाहिए न रोने वाले लोग अल्फा मेल नहीं बन जाते।
रोने से मिलेगा दिमागी फायदा
बता दें कि प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में 15-29 साल के युवाओं की सुसाइड की चौथी सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन है। जब लोग अपने मन की बात कह नहीं पाते है और उस बात को मन ही में रखे रहते हैं। उस स्थिति में वे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। दिमाग पर परेशानियों का ये बढ़ता बोझ धीरे-धीरे इतना बढ़ जाता है कि एक दिन उनकी जान भी ले लेता है। भारत में भी करीब 5 करोड़ लोग दिमागी परेशानियों से जूझ रहे हैं। इसीलिए कभी भी आप दुखी हों, रोना चाहते हों या कोई बात शेयर करना चाहते हों तो, बिना सोचे अपनी बातें कहें और जी भर कर रोएं। क्योंकि ये रोना आपका नुकसान नहीं करेगा, बल्कि आपके लिए फायदेमंद होगा।