Congress: कांग्रेस का चुनाव आयोग को जवाब, कहा- जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई

हरियाणा विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों वाली शिकायत खारिज होने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अपना जवाब दिया। कांग्रेस पार्टी ने लेटर लिखकर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उसकी शिकायतों का स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दिया।

Congress: कांग्रेस का चुनाव आयोग को जवाब, कहा- जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई

Congress: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में धांधली के आरोपों वाली शिकायत खारिज होने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस (Congress) ने चुनाव आयोग (election Commission) को अपना जवाब दिया। कांग्रेस पार्टी (congress party) ने लेटर लिखकर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उसकी शिकायतों का स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दिया। जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई।

कानूनी सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं- कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress General Secretary Jairam Ramesh) समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की तरफ से लिखे गए लेटर में कहा कि चुनाव आयोग (election Commission) का जवाब अपमानजनक लहजे में लिखा गया है। यदि चुनाव आयोग (election Commission) इस तरह की भाषा का प्रयोग करता रहा तो पार्टी के पास ऐसी टिप्पणियों के लिए कानूनी सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग (election Commission) ने खुद को क्लीन चिट दी है। हमें नहीं पता कि आयोग को कौन सलाह दे रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि यह संविधान के तहत स्थापित एक निकाय है। 

इससे पहले, चुनाव आयोग (election Commission) ने 29 अक्टूबर को कांग्रेस की शिकायत को खारिज कर दिया था। चुनाव आयोग ने 1600 पेज के अपने जवाब में कांग्रेस (Congress) के आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दिया ये जवाब 

कांग्रेस के पत्र लिखा कि यदि आयोग किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी को सुनवाई का मौका देता है या उनके द्वारा सद्भावपूर्वक उठाए गए मुद्दों की जांच करता है तो यह कोई 'अपवाद' या 'छूट' नहीं है, बल्कि यह एक कर्तव्य का पालन है जिसे उसे करना जरूरी है। पार्टी ने पत्र में आगे कहा लिखा कि यदि आयोग हमें सुनवाई का अवसर देने से इनकार कर रहा है या कुछ शिकायतों पर विचार करने से इनकार कर रहा है (जो उसने अतीत में किया है) तो कानून उच्च न्यायालयों के असाधारण अधिकार क्षेत्र का सहारा लेकर चुनाव आयोग को यह कार्य करने के लिए बाध्य करने की अनुमति देता है (जैसे 2019 में हुआ था)।

पार्टी ने अपने पत्र में लिखा- हालांकि, चुनाव आयोग (Election Commission) का जवाब एक ऐसे लहजे में लिखा गया है जो कृपालु है। यदि वर्तमान चुनाव आयोग का लक्ष्य तटस्थता के अंतिम अवशेषों को भी खत्म करना है, तो वह उस धारणा को बनाने में उल्लेखनीय काम कर रहा है। फैसला लिखने वाले न्यायाधीश मुद्दे उठाने वाली पार्टी पर हमला नहीं करते या उसे बदनाम नहीं करते। हालांकि, यदि चुनाव आयोग अपनी बात पर अड़ा रहता है, तो हमारे पास ऐसी टिप्पणियों को हटाने के लिए कानूनी सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को किया था खारिज

चुनाव आयोग (Election Commission) ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए अपने जवाब में कहा था कि मतदान और मतगणना जैसे संवेदनशील समय के दौरान गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने से अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है। आयोग ने पिछले एक साल में 5 मामलों का हवाला देते हुए कांग्रेस (Congress) को नसीहत दी और कहा कि आरोप लगाने में सावधानी बरते और बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर आदतन हमला करने से बचे।

5 अक्टूबर को मतदान हुआ था और 8 को आए थे परिणाम

बता दें कि राज्य में एक चरण यानी 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था और 8 अक्टूबर को परिणाम आया था। मतगणना के दौरान कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि कुछ ईवीएम 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ 60-70 और 80 फीसदी से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं।

कांग्रेस ने 13 अक्टूबर को शिकायत कर धांधली का लगाया था आरोप 

कांग्रेस (Congress) ने हरियाणा चुनाव (haryana elections) में ईवीएम की गड़बड़ी का दावा करते हुए चुनाव आयोग से 13 अक्टूबर को इसकी शिकायत की थी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि 20 सीटों पर मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई। इन सीटों के प्रत्याशियों ने लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज की थीं। कांग्रेस ने इनकी लिस्ट चुनाव आयोग को भेजी है।

खेड़ा ने शिकायत में लिखा था कि यह अजीब है कि जिन मशीनों में 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज रही, उन्हीं सीटों पर कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार हारे हैं। वहीं, 60-70 फीसदी बैटरी चार्ज वाली मशीन पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते हैं। मतगणना के दिन कुछ मशीनें 99 प्रतिशत और बाकी सामान्य मशीनें 60-70 फीसदी चार्ज थीं। हमारी मांग है कि जांच पूरी होने तक उन मशीनों को सील और सुरक्षित रखा जाना चाहिए