Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट में रात में लगी अदालत, ट्रेन में महिला सिपाही से हुई दरिंदगी के मामले में रेलवे और सरकार से पूछे सवाल
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ दरिंदगी मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिक कायम कर सुनवाई की है।
Allahabad High Court: उत्तर प्रदेश के सरयू एक्सप्रेस ट्रेन (Saryu Express Train) में महिला सिपाही (हेड कॉन्स्टेबल) के साथ हुई दरिंदगी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने कड़ा रुख अपनाते जांच के आदेश दिए थे, साथ ही एसपी जीआरपी (SP GRP) को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। जिसमें आज (सोमवार को) एसपी रेलवे सुरक्षा (SP Railway Security) ने कोर्ट के सामने घटना पर जांच के पहलुओं से अवगत कराया।
क्या है मामला
सुल्तानपुर (Sultanpur Police) में तैनात महिला सिपाही की ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी हुई थी। 29 अगस्त को वह दोपहर में सुल्तानपुर से अयोध्या (Ayodhya Police) के लिए सरयू एक्सप्रेस से निकली थी। उसके बाद 30 अगस्त को ड्यूटी से वापस आते वक्त सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला कॉन्स्टेबल (lady constable) के साथ हैवानियत हुई थी। सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में सवार महिला सिपाही सीट के नीचे अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में, खून से लथपथ मिली थी। महिला कॉन्स्टेबल के चेहरे पर चाकू के गहरे निशान थे। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए रविवार देर रात इसकी सुनवाई की।
चीफ जस्टिस के आवास पर हुई सुनवाई
सरयू एक्सप्रेस ट्रेन (Saryu Express Train) मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर (Chief Justice Pritinkar Diwakar) और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव (Justice Ashutosh Srivastava) की डिवीजन बेंच ने रविवार रात करीब 9 बजे चीफ जस्टिस के आवास पर की। हाईकोर्ट के वकील राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को एक लेटर देकर उनसे इसे पीआईएल (PIL) के तौर पर स्वीकार किए जाने का अनुरोध किया था।
सोमवार को हाईकोर्ट में एसपी रेलवे लखनऊ (SP Railway Lucknow) पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पांच टीमें घटना की जांच कर रही हैं। इसमें डिप्टी एसपी रैंक के आफिसर शामिल हैं। कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता की स्थिति भी जानी। एसपी रेलवे ने बताया कि पीड़िता का इलाज केजीएमयू (KGMU Hospital) में चल रहा है। ट्रेन में फोरेंसिक टीम (forensic team) भेजी गई थी। वहां सिर्फ पीड़िता का खून मिला है। इस मामले में दुष्कर्म, हत्या की कोशिश की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पीड़िता अभी गंभीर हालत में है, इसलिए उनका बयान नहीं हो पाया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम अभी कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। लेकिन, मजिस्ट्रेट को भेजकर उसका बयान लिया जाय। साथ ही 13 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में रिपोर्ट पेश की जाय।
पीड़िता की हालत नाजुक
महिला कॉन्स्टेबल की हालत ज्यादा गंभीर होने पर 1 सितम्बर को अयोध्या से लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था। वहीं महिला सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। मामले में पीड़ित महिला सिपाही के साथ रेप की भी आशंका जताई जा रही है।
भाई ने कहा- बहन के साथ नहीं हुआ दुष्कर्म
महिला कॉन्स्टेबल का जो वीडियो वायरल हुआ था उसे देखकर दरिंदगी की आशंका व्यक्त की जा रही थी। हालांकि, कॉन्स्टेबल के भाई ने वीडियो जारी कर कहा कि- मेरी बहन के साथ कोई दुष्कर्म जैसी घटना नहीं हुई थी। सोशल मीडिया पर लोग इस तरह खबरें चलाकर परिवार की छवि खराब कर रहे हैं। पुलिस विभाग हमे पूरा सहयोग कर रहा है। पीड़िता के भाई ने लोगों से अपील है कि वो गलत सूचनाएं न फैलाएं।