2025 Bihar Lok Sabha Elections : प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने का किया एलान, जानें कहां और कब लड़ेंगे ?
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और देश के चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार बिहार में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। प्रशांत ने कहा कि अगला विधानसभा चुनाव वे मजबूती से लड़ेंगे।
2025 Bihar Lok Sabha Elections : जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और देश के चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार बिहार में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। प्रशांत ने कहा कि अगला विधानसभा चुनाव वे मजबूती से लड़ेंगे। एलान ही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया है कि बिहार की जनता की जीत होगी। बता दें कि 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होंगे। प्रशांत किशोर की नजरें इसी चुनाव पर हैं। वे पिछले दो साल से बिहार में जन सुराज के नाम से पदयात्रा कर रहे हैं।
2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होंगे
एक इंटरव्यू में प्रशात किशोर ने कहा कि अभी तक हमने औपचारिक रूप से कोई दल नहीं बनाया है। मगर बिहार में हम जन सुराज के नाम पर कुछ कर रहे हैं, जो कुछ महीनों में राजनीतक दल के रूप में परिणत होगा। उन्होंने कहा कि जब चुनाव लड़ेंगे तो राजद के अध्यक्ष लालू यादव और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार जैसे नेताओं के दांत खट्टे हो जाएंगे। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि वे मुझे धकिया (धकेल) दें, उनके बस की बात नहीं।
चुनाव लड़ूंगा तो सब नेताओं के दांत खट्टे कर दूंगा
बिहार में पदयात्रा कर रहे किशोर ने कहा कि वे अगर जन सुराज व्यवस्था नहीं बनाएंगे तो कल होकर समाज के लोग बोलेंगे कि प्रशांत किशोर गांवों-प्रखंडों में घूम रहे हैं, इनकी तो कोई ताकत ही नहीं है। मुझे नीतीश कुमार और लालू यादव धकिया नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा, "मैं अगर बिहार में लड़ने आया हूं तो इतनी ताकत के साथ लड़ूंगा कि इन सब नेताओं के दांत खट्टे कर दूंगा। पश्चिम बंगाल में आपने मेरा काम देखा होगा कि मैंने ही उनकी नस ढीली की थी। समाज में कई ऐसे लोग हैं जो लड़ने के लिए लड़ते हैं। हम उनमें से नहीं हैं।"
देशभर का नेता जब चुनाव लड़ते हैं तो मुझसे सलाह लेते हैं- प्रशांत
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हम बिहार के लड़के हैं। देशभर का नेता जब चुनाव लड़ते हैं तो मुझसे सलाह लेते हैं, तो ये नेता मेरा क्या करेंगे? एक बार समाज के लोग खड़े हो गए तो जन-बल के आगे कोई बल खड़ा होने वाला नहीं है। किशोर ने आगे कहा कि ये जितने नेता हैं ये सोच रहे हैं हम धकियाने वाले आदमी हैं, लेकिन वे गलतफहमी में हैं। हम लोग बड़े-बड़े लोगों के नाक में दम कर देते हैं।
विजयी होने का खाका भी दिमाग में लेकर आए
उन्होंने कहा कि अगर लड़ने आए हैं तो इस बात को मानकर चलिए कि विजयी होने का खाका भी दिमाग में लेकर आए हैं। सोच समझ कर आए हैं, ये कठिन काम है। इसको करने में कितनी ताकत लगानी पड़ेगी, कितना पसीना बहाना पड़ेगा, कितनी व्यवस्था बनानी पड़ेगी और कितना संसाधन लगाना पड़ेगा। सब कुछ सोच-समझ कर व्यवस्था बनाने बिहार आए हैं।