Rabies symptoms: हर साल मारे जा रहे 20,000 लोग, जानिए कैसे रेबीज़ बन रहा जानलेवा

Rabies symptoms: दिल्ली NCR के गाज़ियाबाद में रेबीज़ के इंफेक्शन से14 साल के बच्चे की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक उसे डेढ़ महीने पहले एक कुत्ते ने काट लिया था। मां-बाप के डर से उसने ये बात अपने घर पर नहीं बताई थी।

Rabies symptoms: हर साल मारे जा रहे 20,000 लोग, जानिए कैसे रेबीज़ बन रहा जानलेवा

Rabies symptoms: हाल ही में दिल्ली के पास गाजियाबाद में एक 14 साल के लड़के की कुत्ते के काटने से मौत हो गई। दरअसल, उसके पड़ोस में रहने वाली महिला के कुत्ते ने कुछ दिन पहले लड़के को काटकर जख्मी कर दिया था। डर के मारे उसने ये बात अपने घर वालों से छुपाई थी। जब धीरे-धीरे उसकी तबियत बिगड़ी तब उसके घरवालों को इसका पता चला। जिसके बाद इलाज के लिए जिले के कई अस्पतालों में उसे ले जाया गया। लेकिन, फिर भी उसे बचाया नहीं जा सका।

तो क्या सच में ये बिमारी इतनी खतरनाक है? और अगर ऐसा है तो ऐहतियात बरतने के लिए उन लोगों ने क्या किया जिन्होंने कुत्ते पाल रखे हैं?

हर साल हो रही 20,000 लोगों की मौत

WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल रेबीज से मरने वालों की संख्या 20,000 है। जो लगातार बढ़ती जा रही है। एक बार लक्षण दिखने के बाद ये बिमारी 100 प्रतिशत तक घातक हो सकती है। 99 प्रतिशत मामलों मे पाया गया है कि घर में रेबीज होने का कारण घर के पालतू कुत्ते ही होते हैं। रेबीज़ के इलाज के लिए वैक्सीन सबसे पहले 1885 मे ही आ गई थी। जिसके बाद कई अन्य बदलाव करने के बाद इसे दोबारा लोगों को लगाया गया। यही वजह है कि आज इसकी वैक्सीन का कई अलग-अलग संस्करण आ चुके हैं। लेकिन फिर भी इस बिमारी का सीधा-सीधा कोई तोड़ नहीं है। 

क्या हैं रेबीज़ के लक्षण?  

रेबीज बीमारी के लक्षण (rabies symptoms in hindi) संक्रमित पशुओं के काटने के बाद या फिर किसी कुत्ते के काटने से ही होता हैं। रेबीज बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण ये है कि जहाँ पर पशु काटते हैं उस जगह की मांसपेशियों में सनसनाहट होने लगती है। वायरस के शरीर में पहुँचने के बाद वायरस नसों से दिमाग में पहुँच जाता है। जिसकी वजह से ये शुरुआती लक्षण देखने को मिलते हैं।

•    थकावट महसूस होना।
•    सिर में दर्द होना।
•    बुखार आना
•    मांसपेशियों में जकड़न होना
•    चिड़चिड़ापन
•    लार व आंसुओं का बनना 
•    तेज आवाज रौशनी से चिड़न होना
•    बोलने में तकलीफ होना 


क्या है इसका इलाज?

अगर एक बार संक्रमण हो जाए तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कुत्ते के काटने के बाद तुरंत घाव को धो लें  प्राथमिक इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाएं जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं। कुछ मामलों में पालतू कुत्ते के काटने से भी रेबीज की बिमारी होती है। ऐसे में अपने पालतू कुत्ते को ध्यान से रेबीज के टीके (rabies vaccine) लगवाएं। उसके खानपान और टहलाने से संबंधित सभी ज़रूरी चीजों का ध्यान रखें। 

कुत्तों को टाइम से वैक्सीन लगवाएं ताकि आपके साथ-साथ दूसरों का भी बचाव हो सके। कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए जैसे कि कुत्ते के काटने के बाद कभी भी घाव पर पट्टी न बांधे, तेल या किसी भी तरह के घरेलू उपाय करने से बचें। गर्म पानी और साबुन से धोने के बाद प्राथमिक उपचार के तौर पर एंटीवायरल स्प्रे या ड्रग्स का ही इस्तेमाल करें।