Winter of Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, 16 बिल पेश कर सकती है सरकार
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (25 नवंबर) से शुरू हो रहा है। यह सत्र करीब 25 दिन यानी 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान पांच नए विधेयक पेश होंगे। जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए लिस्टेड किया गया है।
Winter of Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (25 नवंबर) से शुरू हो रहा है। यह सत्र करीब 25 दिन यानी 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान पांच नए विधेयक पेश होंगे। जबकि वक्फ (संशोधन) (Waqf (Amendment)) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए लिस्टेड किया गया है। यानी कुल 16 विधेयक होंगे, जिन्हें सरकार इस सत्र में पारित करवाने की तैयारी में है। वहीं, विपक्षी पार्टियों के जिस तरह के तेवर हैं, उससे साफ है कि शीत सत्र हंगामेदार रह सकता है।
इससे पहले रविवार को शीत सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक (all party meeting) हुई। इस दौरान कांग्रेस (Congress) ने अडानी ग्रुप (Adani Group) के रिश्वत मामले में दोनों सदनों में चर्चा कराए जाने की मांग की। मणिपुर हिंसा (Manipur violence) मामले में भी विपक्ष, सरकार से जवाब चाहता है। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju) ने साफ किया कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के लिए चर्चा के लिए तैयार है। चर्चा वाले मुद्दों का फैसला संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी करेगी।
किन मुद्दों पर चर्चा चाहता है विपक्ष
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी (Rajya Sabha MP Pramod Tiwari)ने बताया कि विपक्ष अडानी समेत मणिपुर, उत्तर भारत में पॉल्यूशन और ट्रेन हादसों पर चर्चा करना चाहता है। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन (Rajya Sabha MP Ranjit Ranjan) ने वायु प्रदूषण पर चर्चा के लिए शून्यकाल के लिए नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अडानी समूह (Adani Group) पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर प्रमुखता से चर्चा कराए जाने की मांग रखी है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस समेत 30 पार्टियों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के दफ्तर में बैठक आज
सोमवार को शीत सत्र की शुरुआत से पहले इंडिया गठबंधन के नेताओं ने विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। ये बैठक संसद भवन में स्थित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) के दफ्तर में होगी। इस बैठक में विपक्ष सत्र को लेकर रणनीति तैयार करेगी।
वक्फ बिल को लेकर सदन में हो सकता है हंगामा
बता दें कि वन नेशन-वन इलेक्शन (One Nation-One Election) और वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर सरकार और विपक्षी दलों में पहले से ही टकराव देखने को मिल रहा है। वक्फ बिल को लेकर गठित जेपीसी की बैठक में काफी हंगामा पहले ही हो चुका है। जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी की कमेटी सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। हालांकि, विपक्ष ने जेपीसी को दिए गए समय को और बढ़ाने की मांग रखी है। वहीं, एक देश-एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद कमेटी (Ramnath Kovind Committee) भी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है और उस रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है, लेकिन 16 विधेयकों की लिस्ट में इससे संबंधित विधेयक का जिक्र नहीं है।
हरियाणा-महाराष्ट्र में जीत से गदगद एनडीए
फिलहाल, देश के राजनीतिक माहौल की छाया सत्र में भी देखने को मिलेगी। हरियाणा और महाराष्ट्र और कई राज्यों के उपचुनाव में बंपर जीत ने एनडीए खेमे को बूस्टर दिया है। इसकी झलक सत्र में भी देखने को मिल सकती है। विपक्ष को काउंटर करने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
कार्यसूची में ये विधेयक हो सकते पेश
संसद की कार्यसूची में जो 16 विधेयक शामिल किए गए हैं, उनमें पांच नए विधेयक हैं। बाकी 11 बिल ऐसे हैं जो पहले से ही लोकसभा या राज्यसभा में पेंडिंग हैं। इन लंबित विधेयकों के साथ नए विधेयकों की सूची में सहकारिता विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक भी है। वक्फ बिल और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़े विधेयक समेत कुल पांच नए विधेयक चर्चा और पारित करने के लिए पेश किए जाने हैं।
संसद में पेश किये जाएंगे कई बिल
सत्र के दौरान अनुदान की पूरक मांगों के पहले बैच पर भी चर्चा होगी। पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, मर्चेंट शिपिंग बिल, कोस्टल शिपिंग बिल (coastal shipping bill) भी संसद के आगामी सत्र में पेश किए जाएंगे। इन विधेयकों के अलावा आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व का समायोजन करने से संबंधित विधेयक, रेलवे (संशोधन) विधेयक और बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक पहले से ही पेंडिंग हैं।