Third-Hand Smoke: क्या होती थर्ड हैंड स्मोकिंग और इससे कैसे करें बचाव?

 स्मोकिंग हर मायने में हमारे शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाती है। फर्स्ट-हैंड स्मोकिंग यानी धूम्रपान करने वाला व्यक्ति और सेकंड-हैंड यानी सांस के माध्यम सिगरेट के धुएं को अंदर लेने वाला व्यक्ति। ये दोनों ही निकोटिन और अन्य जहरीले केमिकल्स को सांस के जरिए शरीर के अंदर ले लेते हैं, जो हार्ट से रीलेटड प्रॉब्लम्स को बुलावा देता है

Third-Hand Smoke: क्या होती थर्ड हैंड स्मोकिंग और इससे कैसे करें बचाव?

Third-Hand Smoke: देखा जाए तो स्मोकिंग और सेकंड-हैंड स्मोकिंग दोनो ही लोगों के लिए खतरनाक है। इसके नुकसान तो आप जानते ही होंगे, लेकिन कभी थर्ड-हैंड स्मोकिंग का नाम सुना है। अगर नहीं सुना तो आज हम इसके बारे में आपको बताएंगे और बताएंगे कि कैसे ये आपको नुकसान पुहंचा रही है।

क्या है थर्ड हैंड स्मोकिंग

आज हम आपको बतायेंगे थर्ड हैंड स्मोकिंग के बारे में है। क्या होती है थर्ड हैंड स्मोकिंग?, कैसे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है?,  स्मोकिंग हर मायने में हमारे शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाती है। फर्स्ट-हैंड स्मोकिंग यानी धूम्रपान करने वाला व्यक्ति और सेकंड-हैंड यानी सांस के माध्यम सिगरेट के धुएं को अंदर लेने वाला व्यक्ति। ये दोनों ही निकोटिन और अन्य जहरीले केमिकल्स को सांस के जरिए शरीर के अंदर ले लेते हैं, जो हार्ट से रीलेटड प्रॉब्लम्स को बुलावा देता है, इतना ही नहीं ये स्ट्रोक और लंग्स कैंसर की वजह भी बन जाता है। ठीक इसी तरह थर्ड-हैंड स्मोकिंग भी उतनी ही ज्यादा नुकसानदायक है, जितनी कि ये दोनों।

क्या है थर्ड-हैंड स्मोकिंग

धूम्रपान बंद करने के बाद भी थर्ड-हैंड धुआं कई महीनों तक वातावरण में बना रह सकता है। ऐसे में आपको थर्ड-हैंड स्मोकिंग के बारे में जानना जरूरी है, ताकि आप ये समझ सकें कि अनजाने में कहीं आप भी तो थर्ड-हैंड स्मोकिंग का शिकार नहीं हो रहे। थर्ड-हैंड स्मोकिंग के धुएं में मौजूद हार्मफुल केमिकल्स में निकोटिन के साथ-साथ कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ भी होते हैं, जैसे कि आर्सेनिक, टार, फॉर्मेल्डिहाइड और नेफ़थलीन। ये पदार्थ आपको धीरे-धीरे करके अपनी जद में ले रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो ये कि जो सिगरेट पी रहा है, उसको तो नुकसान होगा ही होगा, लेकिन जो नहीं पी रहा वो उससे भी ज्यादा बीमार होगा। जैसे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। छोटे बच्चों में अविकसित प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण उन्हें इससे सबसे अधिक जोखिम होता है। इससे बच्चों में खांसी, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में अधिक संक्रमण होना जैसे ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और कानों में इंफेक्शन होने की आशंका बनी रहती है। अगर नवजात इसके संपर्क में आ जाए तो उसे सांस संबंधी परेशानियां हो सकती हैं और वो बार-बार बीमार पड़ सकता है।

रही बात महिलाओं और बुजुर्गों की तो उनमें थर्ड-हैंड स्मोकिंग से किडनी, मुंह और गले की बीमारियां और कैंसर का जोखिम बढ़ सकते हैं। तो कुल मिलाकर देखा जाए तो इसके नुकसान उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा हैं जो सिगरेट नहीं पीते लेकिन  वो ऐसी जगह पर रहते हैं जहां अक्सर कोई न कोई सिगरेट पीता है। या घर का ही कोई मेंबर घर में सिगरेट पीता हो। ऐसे में इसकी चपेट जरूर आएंगे।

कैसे करें बचाव

आखिर में जान लेते हैं थर्ड-हैंड स्मोकिंग से बचाव कैसे होगा, आपको अपने कपड़ों, कालीन, डोर मैट, चादरों और परदों को हमेशा अच्छे से धोना चाहिए क्योंकि सिगरेट के धुएं से निकले छोटे-छोटे कण उनमें मौजूद होते हैं। इसके अलावा फर्श, दीवारों, फर्नीचर और घर में हमेशा साफ सफाई रखें, बचाव करने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकत। ऐसी नौबत ही नहीं आने देनी है कि किसी भी तरह की कोई प्रॉब्लम हो। यदि आपके घर में बच्चे हैं तो उनके खिलौनों को भी अच्छी तरह साफ करें, क्योंकि धुएं के अवशेष इन खिलौनों पर भी जमा हो सकते हैं और उनकी सेहत के लिए हानिकारक हैं। अगर आप खुद सिगरेट पीते हैं तो घर आते ही बालों को धोकर नहा ले और अपने कपड़े बदल दे। साथ ही उसके सभी सामानों को अच्छी तरह साफ करें।