UP News: तदर्थ शिक्षकों ने लखनऊ में किया प्रदर्शन, शिक्षा निदेशक को सौंपा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश के करीब 3000 तदर्थ शिक्षक ने अपनी सेवा बहाली की मांग को लेकर राजधानी लखनऊ में एक दिवसीय प्रदर्शन किया। माध्यमिक तदर्थ संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे तदर्थ शिक्षकों ने अपनी सेवा बहाली और बकाए वेतन के भुगतान की मांग की।
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के करीब 3000 तदर्थ शिक्षक ने अपनी सेवा बहाली की मांग को लेकर राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक दिवसीय प्रदर्शन किया। माध्यमिक तदर्थ संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे तदर्थ शिक्षकों ने अपनी सेवा बहाली और बकाए वेतन के भुगतान की मांग की। लखनऊ के हजरतगंज में स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक शिविर कार्यालय (Director of Secondary Education Camp Office) के बाहर प्रदर्शन कर रहे तदर्थ शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर तदर्थ शिक्षकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को संबोधित ज्ञापन शिक्षा निदेशक को सौंपा।
तदर्थ शिक्षकों को 7 अगस्त 1993 को मिली थी तैनाती
दरअसल, 7 अगस्त 1993 में तत्कालीन सरकार ने प्रदेश भर के करीब 27 जनपदों के 3000 शिक्षकों को तदर्थ शिक्षकों के रूप में तैनाती दी गई थी। माध्यमिक शिक्षा परिषद (Secondary Education Council) से संचालित सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में इन तदर्थ शिक्षकों को तैनाती की गई थी। नौ नवंबर 2023 तक इन शिक्षकों को राजकोष से वेतन भी मिल रहा था। लेकिन सरकार बदलने ही नवंबर 2023 को इन सभी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई।
बीते कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे है तदर्थ शिक्षक
वहीं सेवा समाप्त होने के बाद से ही यह सभी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं। उनकी मांग है कि उनकी सेवाएं फिर से बहाल की जाएं और अब तक के बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। इस बीच 20 जून को तदर्थ शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर माध्यमिक तदर्थ संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 9 नवंबर 2023 को प्रदेश के करीब 3 हजार तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं खत्म कर दी थीं, ये सभी शिक्षक 1993 से सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि सरकार में ऐसा कोई विधायक, सांसद, मंत्री नहीं बचा होगा, जिनसे हमने अपनी पीड़ा ना बताई हो। लेकिन किसी ने हमाली सुनवाई नहीं की। जिसके बाद माध्यमिक तदर्थ संघर्ष समिति अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से धरने पर बैठा है।
सीएम योगी को गुमराह कर रहे अधिकारी
तदर्थ शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह का कहना है कि इस मामले में बड़े अधिकारी गलत तथ्य बताकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह कर रहे हैं। ये अधिकारी विरोधी दलों के समर्थक हैं।
तदर्थ शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब
समिति के प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला ने बताया कि तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त होने के बाद से उनका अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि तदर्थ शिक्षकों की पारिवारिक स्थिति को देखते हुए उन्हें बहाल करने के साथ उनके बकाए वेतन का भुगतान किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर समाप्त की गई सेवाएं
तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह ने बताया कि 7 अगस्त 1993 से लेकर 9 नवंबर 2023 तक यूपी के 27 जनपदों में 3 हजार शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे थे। जिनकी सेवाओं को सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए समाप्त कर दिया गया है जो पूरी तरीके से अमानवीय और असंवैधानिक है। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो हवाला दिया जा रहा है, वह भी गलत और गुमराह करने वाला है।
तदर्थ शिक्षकों ने बड़ा आंदोलन करने की दी चेतावनी
रमेश प्रताप सिंह ने आगे बताया कि कि नवंबर 2023 में 13 महीने के बकाया वेतन को लेकर हमने 53 दिनों तक आंदोलन किया, जिसके बाद वेतन का भुगतान किया गया। बकाया वेतन के भुगतान के साथ ही नवंबर महीने से ही सभी 3 हजार तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। इसके बाद से ही हम लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर हमारी मांगें नहीं पूरी हुई तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे। हम विधानसभा का घेराव भी करेंगे।