UP Assembly: यूपी विधानसभा में राम मंदिर निर्माण धन्यवाद प्रस्ताव पेश, सपा के 14 विधायकों ने किया विरोध
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। सत्र के पांचवें दिन यानि 6 फरवरी को राम मंदिर निर्माण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक दो गुट में बंटे नज़र आए।
UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में बजट सत्र चल रहा है। सत्र के पांचवें दिन यानि 6 फरवरी को राम मंदिर निर्माण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया। इस दौरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक दो गुट में बंटे नज़र आए। सदन में सपा के 111 और रालोद के 8 विधायक मौजूद थे। सपा के 97 विधायकों ने योगी सरकार (yogi government) के धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन किया। महज़ 14 विधायकों ने उसका विरोध किया। जबकि आरएलडी (RLD) के सभी विधायकों ने योगी सरकार को अपना समर्थन दिया। वहीं भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन ना करने पर सपा पर हमलावर हो गई है और सपा विधायकों पर जमकर निशाना साध रही है।
शलभमणि बोले- चुप भी रह सकते थे सपा के विधायक
बीजेपी MLA ने सत्र के दौरान ही प्रस्ताव का समर्थन ना करने वाले 14 विधायकों के नाम पूछे है। बीजेपी MLA शलभ मणि त्रिपाठी (BJP MLA Shalabh Mani Tripathi) ने सदन में कहा कि, राम को काल्पनिक बताने वाले विपक्ष को आज पश्चाताप करने का मौका मिला लेकिन, सपा ने इसे नकार दिया। उन्होंने कहा- माना की आप राम को नकारते हैं, लेकिन आज आप चुप भी रह सकते थे। इसलिए अब राम मंदिर धन्यवाद प्रस्ताव का विरोध करने वाले विधायकों का नाम सार्वजनिक होना चाहिए। ताकि उनकी फैमिली भी उनको पहचान सकें। उन्होंने कहा की भले ही आप ने 22 जनवरी के कार्यक्रम का विरोध किया हो लेकिन आपके परिवार ने हंसी खुशी उस दिन दीपावली मनाई है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने सपा को बताया शिवद्रोही-रामद्रोही
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने भी समाजवादी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने सपा को शिवद्रोही और रामद्रोही बताया। केशव प्रसाद ने कहा कि, सपा का इतिहास राम भक्तों को गोलियों से भूलने का है।
हाथ उठाना प्रस्ताव पर समर्थन या विरोध का सांकेतिक तरीका
दरअसल, मंगलवार को बजट सत्र के दौरान अयोध्या के राम मंदिर निर्माण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव पर सदन में मौजूद विधायकों को समर्थन और विरोध में हाथ खड़े करने थे। ये सदन में पेश प्रस्तावों पर विधायकों का समर्थन या विरोध का सांकेतिक तरीका है। वहीं धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में मौजूद 96 सपा विधायकों ने समर्थन में हाथ खड़ा किया। जबकि 14 विधायकों ने विरोध में हाथ उठाए।