BJP-JDS Alliance: कर्नाटक में BJP और JDS के गठबंधन के लिये क्यों मजबूर हुए अमित शाह!

BJP-JDS Alliance: कर्नाटक (KARNATAKA) में 2024 के लोकसभा से पहले बीजेपी और जेडीएस का गठबंधन,जेडीएस के लिए 4 सीटें छोड़ेगी बीजेपी।

BJP-JDS Alliance: कर्नाटक में BJP और JDS के गठबंधन के लिये क्यों मजबूर हुए अमित शाह!

BJP-JDS Alliance: कर्नाटक (KARNATAKA) में 2024 के लोकसभा से पहले बड़ा राजनीतिक उलटफेर शुरू हो गया है। बीजेपी और जनता दल ने अगले साल होने वाले चुनावों के लिए गठबंधन का ऐलान किया है, विधानसभा चुनावों में बंपर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस के लिए यह गठबंधन बड़ी चुनौती हो सकती है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) जेडीएस के लिए 4 लोकसभा सीटें छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि, चारों लोकसभा सीटें कौन सी होंगी यह अभी पूरी तरह से फाइनल नहीं हुआ है।

2019 में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर लड़ा था चुनाव 

कर्नाटक 2023 में बीजेपी-जेडीएस का गठबंधन इसलिए चौंकाने वाला है, क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद वहां जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वहां कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी और  बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

कौन सी 4 सीटें बीजेपी छोड़ेगी जेडीएस के लिए ? 

जानकारी के मुताबिक जेडीएस मांड्या (JDS Mandya), हासन (Hassan), तुमकुरु(Tumkuru), चिकबल्लापुर (Chikballapur) और बेंगलुरु (Bengaluru) ग्रामीण सीटों की मांग कर रही है। जबकि, बीजेपी कोलार (Kolar), हासन, मांड्या(Mandy) और बेंगलुरु ग्रामीण सीटें छोड़ने के लिए राजी है। मांड्या सीट अभी निर्दलीय सांसद सुमालता अंबरीश (Sumalatha Ambareesh) के पास है, जो 2019 में बीजेपी के समर्थन से जीती थीं।

क्या है बीजेपी और जेडीएस गठबंधन की वजह?

दरअसल, बीजेपी और जेडीएस ने 2023 के विधानसभा चुनावों का परिणाम देखने के बाद आपस में तालमेल करने का फैसला किया है। बीजेपी जहां खतरे को भांप चुकी है, वहीं पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा (HD Deve Gowda) की पार्टी जेडीएस के सामने संकट खड़ा हो चुका है, इसलिये बीजेपी और जेडीएस ने गठबंधन करने का फैसला लिया है।

कांग्रेस को कर्नाटक विधासनभा चुनावों में मिली थी बड़ी जीत 

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने राज्य की 224 में से 135 सीटें जीत ली थीं और उसे 42.88% वोट भी मिले थे। जबकि, बीजेपी सिर्फ 66 सीटों से ही जीती थी और उसे मात्र 36% ही वोट मिले थे। वहीं, जेडीएस को केवल 19 सीटें मिलीं थी और जितने सीटें मिली थीं ,उसमें कुल मिलाकर उसे 13.3% वोट मिले थे। भाजपा को वोटों में पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में भारी गिरावट हुई थी।