Smriti Singh: शहीद कैप्टन अंशुमान की पत्नी पर लगे बड़े आरोप, माता-पिता ने मांगी रक्षा मंत्री से मदद
शहीद अंशुमान के कृति चक्र से सम्मानित किया गया जिसके बाद से उनकी पत्नी और मां को लकेर काफा सहानूभूति दिका रहे है। वहीं इस बीच अंशुमान के मां बाप कुछ ऐसा कह रहे हैं जिससे तमाम सवाल उठ रहे हैं। वे कुछ नियमों में बदलाव चाहते हैं क्योंकि उनसे उनके बेटे का सम्मान दूर हो गया है।
Smriti Singh:जिस परिवार ने अपना जवान बेटा खो दिया हो, जिस लड़की का सुहाग शादी के 5 महीने के भीतर उजड़ जाए, उसका गम समझ पाना बिल्कुल आसान नहीं है। ऐसे ही गम से गुजर रहा है शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह (Martyr Captain Anshuman Singh) का परिवार। साल 2023 में कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो (Captain Anshuman Singh martyred in 2023) गए। पांच महीनों पहले ही शादी हुई थी।
अंशुमान की वीरता को सम्मान देने के लिए उन्हे कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) से नवाजा गया। राष्ट्रपति ने 5 जुलाई 2024 को शहीद अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह को सम्मानित किया। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई तो लोगों को उनसे सहानुभूति हुई। और जब उनकी कहानी पता चली तो लोग काफी भावुक हुए। लेकिन अब एक नई बात सामने आई है जो हर ओर चर्चा में है, अंशुमान के मां बाप कुछ ऐसा कह रहे हैं जिससे तमाम सवाल उठ रहे हैं। वे कुछ नियमों में बदलाव चाहते हैं क्योंकि उनसे उनके बेटे का सम्मान दूर हो गया है।
अंशुमान की पत्नी पर आरोप
शहीद अंशुमान सिंह के माता-पिता का कहना है कि बहू स्मृति घर छोड़कर चली गई है। उसने अपना एड्रेस तक बदल दिया है। साथ ही अब कीर्ति चक्र मिलने की कोई निशानी तक उनके पास नहीं रह गई है। उनके माते-पिता का कहना है कि सम्मान के नियमों में बदलाव होना चाहिए बहुएं घर छोड़कर चली जाती हैं और माता-पिता का पास सिर्फ यादें रह जाती हैं। बीते मंगलवार रायबरेली जाकर शहीद अंशुमान सिंह के माता-पिता ने सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (rahul gandhi) से मुलाकात की। उनके माता पिता का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) के सामने भी वे इस मुद्दे को उठा चुके हैं।
कीर्ति चक्र पाने का कोई सबूत नहीं
शहीद के पिता रवि प्रताप सिंह (Martyr's father Ravi Pratap Singh) अपनी बहु के जाने से परेशान हैं। उनके पिता सेना से JCO के पद से रिटायर्ड हैं। उनका कहना है कि बहू स्मृति सब कुछ लेकर चली गई। कीर्ति चक्र की कोई रिसीविंग उनके पास नहीं रह गई है, बहु ने अपना एड्रेस भी चेंज करवा लिया है। उन्होने बताया कि बेटे के शहीद होने के कुछ दिनों बाद बहु घर से चली गई थी। सम्मान के लिए शहीद की मां को भी बुलाया गया लेकिन सम्मान सिर्फ बहू स्मृति को दिया गया। कीर्ति चक्र का बैज तक नहीं मिला जो अंशुमान की फोटो पर लगाया जा सके।
"माता-पिता का भी सम्मान होना चाहिए"
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां को आपने राष्ट्रपति से कीर्ति चक्र लेते हुए स्मृति के साथ देखा होगा। उनकी आंखों में दर्द था, परेशानी थी। उन्होने मीडिया से कहा कि माता-पिता का भी सम्मान होना चाहिए, बहुएं चली जाती हैं। उनकी मां ने बताया कि हमने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नेता प्रतिपक्ष से इस बात की गुजारिश की है कि सेना में शहीद होने वाले युवाओं के परिवार में माता-पिता का भी ख्याल रखना चाहिए।
स्मृति ने दिया जवाब
स्मृति से इस बाबत जब सवाल किए गए तो उन्होने मीडिया से कहा कि उन्हे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि अंशुमान के माता-पिता ने क्या कहा। लेकिन उन्होने ये भी कहा कि जिसकी जैसी सोच है, वो वैसा ही कहेगा, वे बाहर हैं इसलिए खुलकर कुछ नहीं कह सकती। आपको बता दें स्मृति पेशे से इंजीनियर हैं।
आपको बता दें देवरिया के दलपत गांव के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई, 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए थे, जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना के टेंट में आग लगने की वजह से कई जवान आग में फंस गए, उन्हे बचाने की जद में कैप्टन अंशुमान शहीद हो गए। फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से स्मृति और उनका परिवार बच रहा है, तो वहीं शहीद अंशुमान का परिवार मदद की आस कर रहा है।