Women learn to Say No: महिलाएं को ‘ना’ कहना सीखना जरूरी, खुद को भी अहमियत दें

महिलाओं को ना कहना सीखना जरूरी है, वहीं पुरुषों को भी ये समझना होगा कि लड़कियों और महिलाओं के ना का मतलब ना ही होता है।

Women learn to Say No: महिलाएं को ‘ना’ कहना सीखना जरूरी, खुद को भी अहमियत दें

Women Learn to Say No: जिंदगी में कई ऐसी सिचुएशन्स आती हैं जब हमें ना कहना पड़ता है क्योंकि हर बात में सहमति देना जरूरी नहीं है। फिर वो चाहे रिश्ते हों या प्रोशफेशनल लाइफ, लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं होता। खासकर महिलाओं के लिए ना कहना थोड़ा मुश्किल होता है, क्यों कि वो ऐसा कहने में संकोच महसूस करती हैं। साथ ही सोसाइटी में महिलाओं की छवि कुछ ऐसी होती है कि उनसे ना की उम्मीद बहुत कम रखी जाती है। लेकिन महिलाओं को ना कहना सीखना जरूरी है, वहीं पुरुषों को भी ये समझना होगा कि लड़कियों और महिलाओं के ना का मतलब ना ही होता है। सबसे पहले बात करते हैं पर्सनल लाइफ और रिलेशनशिप की।  

खुद को भी दें अहमियत
 
कहते हैं कि जहां प्यार होता है वहां स्वार्थ और अहंकार जैसी भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं होती लेकिन कई बार हम अपनी लाइफ में पार्टनर को इस तरह शामिल कर लेते हैं कि हमें अपनी ही सुध नहीं रहती, लेकिन महिलाओं को ये समझना होगा कि अपने लव पार्टनर या बेटर हाफ से प्यार तो बेशक बहुत है, लेकिन कुछ मामलों में खुद को अहमियत देने में कोई बुराई नहीं है।

पार्टनर को ना कहना सीखें

रिलेशनशिप में बेशक एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए लेकिन अपने पार्टनर को ना कहना भी सीखें। इससे खुद के अंदर किसी भी तरह गिल्ट नहीं रह जाता। कई बार ऐसा होता है कि हम कुछ काम पार्टनर के दबाव में आकर कर लेते हैं लेकिन इससे हमारे अंतर्मन को चोट पहुंचती है। वहीं पार्टनर को भी ये समझना जरुरी है कि अगर उनकी गर्लफ्रेंड या वाइफ ना कह रही है तो इसका मतलब इनकार ही है। इसके साथ ही साथ खुद को भी समय देना जरूरी होता है। ऐसे में अगर थोड़ी फुरसत में बैठकर खुद से बातें करने का मन हो तो जरूर करें। 

पर्सनल लाइफ के साथ साथ महिलाओं के लिए अपनी प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करना एक बड़ा चैलेंज है। यहां भी आपको ना कहना बखूबी आना चाहिए। ऑफिस में किसी काम को ना, कुछ इस तरह से कहें कि आपके बॉस या कलिग को बुरा भी न लगे और आपको भी टेंशन न हो। 

महिलाओं को ना कहने का कितना अधिकार?

इक्वल राइट्स का का मतलब है कि महिलाओं के पास किसी काम को ना कहने का उतना ही अधिकार होता है जितना पुरुषों के पास है, इसीलिए महिलाओं को कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। अगर मन में किसी भी चीज को लेकर कोई डाउट है तो आप तुरंत उस काम के लिए मना कर सकती हैं। यहां ना कहना इक्वल ट्रीटमेंट और इक्वली अपॉर्चुनिटी को भी दर्शाता है।

अपनी बाउंड्री को "नो" कहकर प्रयोग करना भी बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि यह कहने से एक हेल्थी तरीके से प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ दोनों ही मेंटेन रह सकती है, यदि हम अपने अनुसार किसी चीज के लिए मना नहीं करेंगे तो इसका फायदा दूसरे लोग उठा सकते हैं।

ओवर कमिटमेंट से बचें

महिलाओं को हमेशा ओवर कमिटमेंट देने से बचना चाहिए क्योंकि बहुत बार ऐसा होता है कि वो इमोशंस में आकर बहुत सारी रिस्पांसिबिलिटी खुद पर ले लेती हैं और इस चीज से बचने के लिए सबसे आसान उपाय है कि उन्हें मना कर देना चाहिए जिसे बाद में उनका समय और एनर्जी दोनों बच सके

सेल्फ केयर को प्रमोट करें

बहुत बार ऐसा हो सकता है कि दूसरों को कमिटमेंट देखकर आप खुद के ही स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं इसीलिए खुद की सेल्फ केयर के लिए दूसरों को मना करना जरुर सीखना चाहिए।