Investing in index funds: इंडेक्स फंड्स में निवेश से मिल सकता है ज्यादा फायदा, इन बातों का रखें ख्याल

इंडेक्स फंड से निवेशक अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई कर सकते हैं। इससे नुकसान की संभावना घट जाती है। अगर एक कंपनी के शेयर में कमजोरी आती है तो दूसरे में ग्रोथ से नुकसान कवर हो जाता है।

Investing in index funds: इंडेक्स फंड्स में निवेश से मिल सकता है ज्यादा फायदा, इन बातों का रखें ख्याल

Investing in index funds: आज आपके मतलब की खबर में ये समझेंगे कि इंडेक्स फंड्स में निवेश (Investing in index funds) करके कैसे मिल सकता है मोटा मुनाफा। अगर आप इन दिनों म्यूचुअल फंड्स (mutual funds) में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो इंडेक्स फंड अच्छा ऑप्शन हो सकता है। ऐसे में जो निवेशक म्यूचुअल फंड (mutual funds) में निवेश करके कम से कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए इंडेक्स फंड सही ऑप्शन हो सकते हैं। इस कैटेगिरी के कई फंड्स ने बीते 1 साल में 21 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है। 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगले 4 साल शेयर बाजार में सालाना 20 प्रतिशत बढ़ सकता है। ऐसे में निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 में भी अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। 

सबसे पहले समझते है Index Fund क्या होता है-
⦁    Index Fund शेयर बाजार के किसी Index मसलन निफ्टी (Nify) 50 या Sensex 30 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।
⦁    इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है स्कीम में उसी Ratio में उनके शेयर खरीदे जाते हैं।
⦁    इसका मतलब यह है कि ऐसे फंड्स का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है। यानि इंडेक्स का प्रदर्शन बेहतर होता है तो उस फंड में भी बेहतर रिटर्न की गुंजाइश रहती है।
इंडेक्स फंड में निवेश करने पर संबंधित खर्च कम होता है। बता दें कि other direct forms से managed म्युचुअल फंडों में जहां एसेट मैनेजमेंट कंपनी तकरीबन 2% तक शुल्क वसूलती है, वहीं इंडेक्स फंडों का शुल्क बहुत कम यानी कि तकरीबन 1% तक होता है।

घटती है नुकसान की संभावना 

इंडेक्स फंड से निवेशक अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई कर सकते हैं। इससे नुकसान की संभावना घट जाती है। अगर एक कंपनी के शेयर में कमजोरी आती है तो दूसरे में ग्रोथ से नुकसान कवर हो जाता है। इसके अलावा इंडेक्स फंडों में ट्रैकिंग एरर कम होता है। इससे इंडेक्स को इमेज करने की एक्यूरेसी बढ़ जाती है। इस तरह रिटर्न का सटीक अनुमान लगाना आसान हो जाता है।

चलिए अब बताते हैं कि इसमें टैक्स कितना देना होगा...

LTCG 1 लाख से कम होने पर नहीं देना होगा कोई टैक्स 

12 महीने से कम समय में निवेश भुनाने पर इक्विटी फंड्स (equity funds) से कमाई पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। यह मौजूदा नियमों के हिसाब से कमाई पर 15% तक लगाया जाता है। अगर आपका निवेश 12 महीनों से ज्यादा के लिए है तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स माना जाएगा और इस पर 10% ब्याज देना होगा। हालांकि अगर आपका LTCG 1 लाख से कम है तो आपको इस पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए सही हैं जो कम रिस्क के साथ शेयरों में निवेश करना चाहते हैं। इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो रिस्क कैलकुलेट करके चलना चाहते हैं, भले ही कम रिटर्न मिले।

सिस्टमेंटिक इनवेस्टमेंट प्लान करें फॉलो

म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने के बजाए सिस्टमेंटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए निवेश करना चाहिए। SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट इसमें लगाते हैं। इससे रिस्क और कम हो जाता है क्योंकि इससे इस पर बाजार के उतार चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता।

इस लेख में दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए ही है, कहीं पर भी Investment करने से पहले सलाहकारों से राय जरूर ले लें।