Bank Locker: बैंक लॅाकर क्या है?, जानिए बैंक लॉकर से जुड़े नियम
Bank Locker: बैंक की तरफ से दी जाने वाली एक सुविधा है बैंक लॅाकर, जिसमें लोग अपने कई कीमती समान जैसे गहने, जरूरी कागजातों को रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
Bank Locker: बैंक की तरफ से दी जाने वाली एक सुविधा है बैंक लॅाकर, जिसमें लोग अपने कई कीमती समान जैसे गहने, जरूरी कागजातों को रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कई बार घरों में चोरी या डकैती की घटनाओं की वजह से भी लोग बैंक लॅाकर को सुरक्षित मानते हैं, और अपने जीवन भर की कमाई लॉकर में रखते हैं।
कैसे खुलता है बैंक में लॅाकर
बैंक में लॉकर खुलवाने के लिए सबसे पहले एक एप्लीकेशन देनी होती है, जिसके बाद ये सुविधा दी जाती है। जिस भी बैंक की ब्रांच में लॉकर खुलवाना चाहते हैं, वहां एप्लीकेशन देनी होगी। लॉकर की सुविधा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाती है, अगर वेटिंग लिस्ट में नाम आता है, तो लॉकर यूसर के लॉकर छोड़ने के बाद ही वो लॉकर मिल पाएगा, हालांकि इसके लिए बैंक अकाउंट में एक मिनिमम बैलेंस भी होना आवश्यक है, और उस अकाउंट से सालाना किराया लिया जाता है।
31 दिसंबर 2022 से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लॉकर को लेकर नए नियम लागू किये थे, जिसे लॉकर अग्रीमेंट कहा जाता है, जो बैंक और कस्टमर के बीच में होता है।
क्या है लॉकर अग्रीमेंट
RBI के अनुसार, किसी ग्राहक को लॉकर अलॅाट करते समय बैंक को उस ग्राहक के साथ, जिसे लॉकर सुविधा दी की गई है एक एग्रीमेंट करना होगा।
लॉकर किराए पर लेने वाले को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए दोनों पक्षों द्वारा साइन किए हुए, एग्रीमेंट की 2 कॉपी होगी एक कस्टमर के पास और एक बैंक के पास।
नए नियमों के मुताबिक अब बैंक यह नहीं कह सकता कि लॉकर में रखे सामान को लेकर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। चोरी, धोखाधड़ी, आग या भवन ढह जाने की स्थिति में भी बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक होगी, यानी अगर आपके लॉकर में रखे सामान की कोई भी हेराफेरी होती है तो बैंक उसका 100 गुना हर्जाना देगा।