Madhya Pradesh elections: मध्य प्रदेश में आदिवासियों के साथ पर बनेगी सरकार !

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। अब दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस में अपनी संभावनाओं की समीक्षा की जा रही है। सबसे ज्यादा नजर आदिवासी वोट बैंक पर है क्योंकि इस वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर जिसने जीत हासिल की, उसके हाथ में सत्ता आई।

Madhya Pradesh elections: मध्य प्रदेश में आदिवासियों के साथ पर बनेगी सरकार !

Madhya Pradesh elections: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। अब दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस में अपनी संभावनाओं की समीक्षा की जा रही है। सबसे ज्यादा नजर आदिवासी वोट बैंक पर है क्योंकि इस वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर जिसने जीत हासिल की, उसके हाथ में सत्ता आई।

पिछले तीन चुनाव तो यही कहानी कह रहे हैं। राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से आदिवासी वर्ग के लिए 47 सीटें आरक्षित है और इन सीटों की हार-जीत राज्य की सियासत में बड़ा बदलाव ला देती है। जिस भी राजनीतिक दल को इन सीटों में से ज्यादा पर जीत हासिल हुई, उसे सत्ता नसीब हुई है, इतना ही नहीं लगभग हर चुनाव में यहां मतदाताओं का रूख भी बदलता नजर आता है।

ये भी पढ़ें- 

MP Election: मध्य प्रदेश में छिटपुट हिंसक घटनाओं के बीच हुई बंपर वोटिंग, 3 बजे तक 60 फीसदी मतदान

MP Election 2023: भाजपा के अलावा किसी और को दिया वोट तो पाकिस्तान मे मनेगा जश्न-नरोत्तम मिश्रा

राज्य की इन 47 सीटों की समीक्षा की जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से 30 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा के हाथ में 31 सीटें आई थी। इतना ही नहीं वर्ष 2008 के चुनाव में भाजपा 29 सीटें हासिल करने में सफल रही थी।

इस तरह राज्य की आदिवासी सीटें, जिस राजनीतिक दल के हिस्से में गई, उसके हाथ में सत्ता रही। यही कारण है कि दोनों राजनीतिक दल दावा कर रहे हैं कि आदिवासी सीटों पर उनके हिस्से में जीत आएगी। इसके पीछे उनके अपने तर्क भी हैं और वह इस वर्ग के कल्याण के लिए किए गए काम और उठाए गए कदमों का हवाला दे रहे हैं।