Earphone Disadvantage: कान ही नहीं दिमाग पर भी असर डालता है इयर फोन का ज्यादा इस्तेमाल

ईयर फोन एक ऐसा इक्विपमेंट है जिसका इस्तेमाल हर कोई खूब करा रहा है चाहे घर हो या बाहर। चाहे सफर में रहें या दफ्तर ईयर फोन आपको हर जगह लोगों के साथ मिलेगा। लोग ईयर फोन को कानों में लगाते हैं, बाहर के शोर से दूर होकर अपनी दुनिया में खो जाते हैं ये जितना काम की चीज है उतनी ही नुकसानदायक भी है तो आइए आपको इयरफोन से जुड़े नफे और नुकसान के बारे जानते हैं

Earphone Disadvantage: कान ही नहीं दिमाग पर भी असर डालता है इयर फोन का ज्यादा इस्तेमाल

Earphone Disadvantage: आज की इस भागती दौड़ती जिंदगी में इंसान के जरूरत की चीजों की अगर गिनती होगी तो इयर फोन का उसमे एक अहम स्थान होगा। ईयर फोन एक ऐसा इक्विपमेंट है जिसका इस्तेमाल हर कोई खूब करा रहा है चाहे घर हो या बाहर। चाहे सफर में रहें या दफ्तर ईयर फोन आपको हर जगह लोगों के साथ मिलेगा। लोग ईयर फोन को कानों में लगाते हैं, बाहर के शोर से दूर होकर अपनी दुनिया में खो जाते हैं।

आज कल मोबाइल पर लोग घंटो  एक दूसरे से बातें करते हैं और उसमे भी उनका सबसे भरोसेमंद साथी बनता है इयरफोन।कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो सोते समय इयरफोन लगा कर अपनी पसंद के गाने सुनते हुए सो जाते है, रात भर इयरफोन इनके कानो से चिपका रहता है। छोटी सी छोटी चीज भी उन्हें सुननी हो या देखनी हो तो बिना ईयर फोन के उनका काम नहीं चलता है।अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं और इयर को उपयोग ज्यादा करते हैं सावधान हो जाने की जरूरत है। यह ईयर आपको भारी नुकसान पहुंचा सकता है। ये आपको बीमार कर सकता हैं। इसकी वजह से कई गंभीर बीमारी आपको घेर सकती है।। तो आइए आपको इयरफोन से जुड़े नफे और नुकसान (earphone disadvantages) के बारे जानते हैं

इयरफोन लगाने के ये है नुकसान

इंसान को सहजता के लिए बनाया गया यह उपकरण लोगों पर इस कदर हावी हो गया है कि कुछ लोगों का इसके बिना गुजारा ही नहीं है,और यही आदत लोगों को नुकसान पहुंचा रही है। ईयर फोन के इस्तेमाल से आपके कान और दिमाग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं इसके अलावा और भी कई दूसरी बीमारी होने का खतरा रहता है।

लंबे वक्त तक ईयर फोन का इस्तेमाल करने से दिमाग पर प्रभाव पड़ता है। ईयर फोन या हेडफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स हमारी दिमाग को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इसके अलावा तेज म्यूजिक की वजह से दिमाग की कोशिकाओं की ऊपरी लेयर नष्ट हो जाती है जिससे कान और दिमाग का कोर्डिनेशन कमजोर हो जाता है।

लंबे वक्त तक ईयर फोन के इस्तेमाल से आप बहरेपन के भी शिकार हो सकते हैं। दरअसल देर तक एयर फोन लगाए रखने से कानों की नसों पर दबाव पड़ने लगता है जिससे नसों में सूजन की समस्या बढ़ जाती है। वाइब्रेशन की वजह से हियरिंग सेल्स को नुकसान पहुंचता है  जिससे आप बहरे भी हो सकते हैं।एक स्टडी के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 2 घंटे से ज्यादा समय के लिए 90 डेसीबल से अधिक आवाज में गाना सुनते हैं तो वह बहरेपन का शिकार होने के अलावा कई और बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। दरअसल कानों की सुनने की क्षमता सिर्फ 90 डेसीबल होती है जो लगातार गाने सुनने से समय के साथ 40 से 50 डेसीबल तक कम हो जाती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को दूर की आवाज सुनाई नहीं देती है।

वही इयर फोन का निरंतर इस्तेमाल से आपको टिनिटस की समस्या भी हो सकती है।ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें लगातार कानों के अंदर सीटी बजने या हवा चलने जैसी अवाजें आती है। ये आवाज कानों के सबसे अंदरूनी हिस्से में मौजूद कॉक्लिया सेल्स के नष्ट होने की वजह से आती है। 

वही जब हम कानों में लगातार ईयर फोन लगाते हैं तो उनके ब्लॉब में कानों का वैक्स और दूसरी गंदगी फंसी रहती है। लगातार बिना साफ किए ईयर फोन का इस्तेमाल करने से यह कानों के अंदर फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन पैदा कर सकती है। इसके अलावा कई बार ईयर फोन की अदला-बदली भी होती है जिस वजह से भी इंफेक्शन का खतरा बना रहता है।

ईयर फोन से निकलने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों की वजह से व्यक्ति के दिमाग पर भी  बुरा असर पड़ता है, जिस वजह से उसे सिर में दर्द या नींद ना आने की समस्या होने लगती है।

तो अगर आपभी इयरफोन का इस्तेमाल ज्यादा देर तक के लिए करते हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि मेडिकल साइंस में कहा भी जाता है प्रिवेंशन इस बैटर दैन क्योर यानी बचाव इलाज से कही बेहतर है।