Doctor's strike in Bengal: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने फिर शुरू की हड़ताल, 2 अक्टूबर को मार्च निकालने का किया ऐलान
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार (30 सितंबर) को एक बार फिर से हड़ताल शुरू कर दी है। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरी तरह से काम बंद कर दिया है। डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाए। वहीं डाक्टरों ने 2 अक्टूबर को मार्च निकालने का ऐलान किया है।
Doctor's strike in Bengal: पश्चिम बंगाल (west bengal) में जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार (30 सितंबर) को एक बार फिर से हड़ताल शुरू कर दी है। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरी तरह से काम बंद कर दिया है। डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाए। वहीं डाक्टरों ने 2 अक्टूबर को मार्च निकालने का ऐलान किया है। बंगाल के स्वास्थ्य सचिव (Health Secretary) को उनके पद से हटाने जैसी अपनी कई मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर बुधवार को कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक एक मार्च भी निकालेंगे।
इससे पहले 42 दिन तक चली थी हड़ताल
इससे पहले जूनियर डॉक्टर 10 अगस्त से लेकर 21 सितंबर तक हड़ताल पर रहे थे। 42 दिन तक विरोध प्रदर्शन के बाद वो सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी पर वापस आए थे। वहीं सोमवार (30 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अस्पतालों की सुरक्षा में कोताही को लेकर ममता सरकार की जमकर खिंचाई की और आदेश दिया कि सभी अस्पतालों में 15 दिन के अंदर सीसीटीवी लगाए जाएं।
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज और यूनिवर्सिटी में 9 और 10 अगस्त को ट्रेनी डाक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में जूनियर डॉक्टर हड़ताल कर रहे थे।
ममता ने अपने वादें नहीं किये पूरे- जूनियर डॉक्टर
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर में से एक अनिकेत महतो ने हड़ताल का ऐलान करते हुए कहा- सुरक्षा को लेकर हमारी मांगों को पूरा करने के लिए ममता सरकार का रवैया सकारात्मक नहीं लग रहा है। आज हड़ताल का 52वां दिन है। हम पर अभी भी हमले किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता के वादों को पूरा करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। हमारे पास आज से पूरी तरह काम बंद करने के अलावा कोई आप्शन नहीं बचा है। जब तक हम राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं देखते, तब तक काम बंद रहेगा।
सागोर दत्ता अस्पताल में तीमारदारों ने किया था हंगामा
दरअसल, कोलकाता के सागोर दत्ता अस्पताल (Sagar Dutta Hospital, Kolkata) में तीन दिन पहले 27 सितंबर को एक मरीज की मौत हो गई थी। जिसके बाद मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया था। इस दौरान 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया। इसी घटना को लेकर जूनियर डॉक्टर्स नाराज हैं। डॉक्टर्स ने अस्पताल में प्रदर्शन भी किया। इस केस में 4 प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है।
अस्पतालों में सुरक्षा देने की मांग कर रहें जूनियर डॉक्टर्स
जूनियर डॉक्टर्स की मांग है कि अस्पतालों में उन्हें सुरक्षा दी जाए, ताकि वे बिना डर के ड्यूटी कर सकें। डॉक्टरों ने कहा कि सरकार के साथ हमारी बैठक को गंभीरता से नहीं लिया गया। एक डॉक्टर ने कहा कि राज्य सरकार हमें सुरक्षा देने में पूरी तरह से फेल रही है। इसलिए शुक्रवार (27 सितंबर) को सगोर दत्ता हॉस्पिटल में हमला हुआ। हम ममता सरकार को कुछ समय दे रहे हैं। सोमवार (30 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सुनवाई के बाद हम बड़ा फैसला लेंगे।
स्वास्थ्य कर्मियों को धमका रहे तीमारदार
नाराज जूनियर डाक्टरों ने कहा- ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) और मुख्य सचिव के साथ हमारी बैठकों को गंभीरता से नहीं लिया गया। मरीजों के परिवार वाले एक महिला स्वास्थ्य सहकर्मी को धमका रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आरजी कर मेडिकल कालेज में जो हुआ, वही दोहराएंगे। ये लोग ऐसी धमकी कैसे दे सकते हैं।
अब 14 अक्टूबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
वहीं 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स इन पेशेंट डिपार्टमेंट और आउट पेशेंट डिपार्टमेंट में काम नहीं कर रहे हैं। इसके जवाब में डॉक्टर्स के वकील ने कहा कि सभी इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं में डॉक्टर काम कर रहे हैं। वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। इस दिन कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को नेशनल टास्क फोर्स की जांच पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।