Makar Sankranti 2024: मकर संक्रान्ति के दिन करें ये 5 शुभ कार्य, ग्रह दशा में होगा सुधार
साल का पहला पर्व है मकर संक्रान्ति। जो खरमास जैसे अशुभ समय को खत्म करता है। मान्यता है कि मकर संक्रान्ति के दिन कुछ ऐसे कार्य करने का विधान है जिससे ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।
Makar Sankranti 2024: साल का पहला पर्व है मकर संक्रान्ति। जो खरमास जैसे अशुभ समय को खत्म करता है। मान्यता है कि मकर संक्रान्ति के दिन कुछ ऐसे कार्य करने का विधान है जिससे ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। इस दिन प्रात: काल स्नान करने के बाद खिचड़ी और काले तिल से बनी वस्तुओं को दान करने का महत्व है। तो चलिए जानते हैं कि मकर संक्रान्ति के दिन वो पांच शुभ कार्य कौन कौन से हैं जिन्हें करने से आपके जन्मकुंडली के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
घर के मुख्य द्वार पर करें यह उपाय
मकर संक्रांति के दिन प्रात: उठकर सबसे पहले मुख्य द्वार की अच्छी तरह से सफाई करें और मुख्य द्वार के दोनों ओर हल्दी मिले का जल का छिड़काव करें। इसके बाद सूर्य देव अराधना करते हुए उनका नमन करें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा खत्म हो जाएगी और बुरी नजरों से आपका घर सुरक्षित रहेगा।
प्रात: स्नान के वक्त करें यह कार्य
मकर संक्रांति के दिन प्रात: स्नान के जल में गंगा जल और काला तिल मिलाएं। उस पानी से स्नान करें। काला तिल और गंगा जल मिले पानी से स्नान करने से आपको गंगा स्नान के बराबर ही पुण्य की मिलता है। इस दिन गंगाजल से स्नान करने के बाद घर के मंदिर में देवताओं को नए वस्त्र पहनाएं। ऐसा करने से देवी देवता की पूरे साल घर में कृपा बनी रहती है और घर में बरकत होती है।
नवग्रहों के नाम से निकालें ये वस्तुएं
मकर संक्रांति के दिन नवग्रहों के नाम से नमक, रुई अथवा गर्म वस्त्र तेल, चावल, तिल, गुड़, आलू, कुछ पैसे दान के लिए निकाल कर रख लें और कुल देवी देवता की पूजा के बाद इन्हें जरूरतमंदों को या किसी ब्राह्रमण-पुरोहित को दान करें। जरूरतमंदों की मदद करने से भंडार हमेशा भरा रहेगा।
आदित्य हृदय स्तोत्र का करें पाठ
मकर संक्रांति के दिन स्नान- दान करने के बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। मकर संक्रांति की उपासना का पर्व है और इस दिन सूर्य के उत्तरायण होने की खुशियां मनाई जाती हैं। इसलिए इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से आपकी कुंडली में सूर्य के शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं।
भगवान को खिचड़ी का भोग लगाएं।
मकर संक्राति को खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन उड़द की दाल और कच्चा चावल से खिचड़ी बनाकर देवी देवताओं को भोग लगाएं और स्वयं भी खिचड़ी और तिल से बनी चीजों का सेवन करें। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान करने का भी विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव कुंडली से दूर होते हैं।