Holashtak Niyam: होलाष्टक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, जीनव में आ जायेगी बड़ी परेशानियां

इस साल होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है। वहीं, इसका समापन 25 मार्च को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई तरह के नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद आवश्यक है।

Holashtak Niyam: होलाष्टक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, जीनव में आ जायेगी बड़ी परेशानियां

Holashtak Niyam: रंगो का त्योहार होली बस आने वाला है। इससे पहले होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होती है जिसके बाद इसका समापन पूर्णिमा तिथि को होता है। इस साल होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है। वहीं, इसका समापन 25 मार्च को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई तरह के नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद आवश्यक है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

इस साल होलिका दहन 24 मार्च को होगा। इससे पहले कुछ समय के लिए भद्राकाल रहेगा, जो 24 मार्च रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहने वाला है। ऐसे में होलिका दहन के लिए सबसे अच्छा समय रात 11 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक का माना जा रहा है। बता दें कि इस दौरान आप होलिका दहन बिना बाधा के कर सकते हैं।

होलाष्टक के दौरान इन बातों का रखें ध्यान 

होलाष्टक के दौरान कोई नया व्यावसायिक कार्य शुरू न करें।

इस अवधि में अपने बाल और नाखून न काटें।

होलाष्टक काले में कपड़े और आभूषण पहनने से बचें।

इस दौरान मुंडन संस्कार, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश न करें।

इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें। 

होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु की पूजा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।

इस दौरान भगवत गीता पाठ का पाठ अवश्य करें।

विष्णु सहस्रनाम का रोजाना पाठ करें।

इन दिनों में हवन करना भी फलदायी होता है।

इन दिनों जरूरतमंद लोगों को वस्त्र और पैसों का दान करें।

तामसिक भोजन जैसे- लहसुन, प्याज, अंडा और मांस मछली आदि के सेवन से बचें।

नकारात्मकता को दूर करने के लिए अपने घर और मंदिर की अच्छे से सफाई करें।

इस अवधि के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।