Shardiy navratra 4 day: नवरात्र के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की अराधना, इन मंत्रों के जाप से मिलेगी प्रसिद्धी

Shardiy navratra 4 day: आज शारदीय नवरात्र का चौथा दिन है। यह दिन मां कूष्मांडा को समर्पित होता हैं। इस दिन मां की पूजा और इन खास मंत्रों के उच्चारण से लोगों को प्रसिद्धी प्राप्त होती हैं।

Shardiy navratra 4 day: नवरात्र के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की अराधना, इन मंत्रों के जाप से मिलेगी प्रसिद्धी

Shardiy navratra 4 day: आज नवरात्रि का चौथा दिन हैं। इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा होती हैं। मां कूष्मांडा की पूजा करने से उनके भक्तों के दुख दूर होते हैं, उनको कष्टों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि मां कूष्मांडा में समस्त सृष्टि का सृजन करने की शक्ति समाहित है। संस्कृत में कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ा होता है, जिसमें काफी संख्या में बीज होते हैं, जिनसे नए जीवन का सृजन होता है। ऐसे ही मां कूष्मांडा की महिमा है। इस वजह से ही उनकी पूजा में कुम्हड़े की बलि देने की परंपरा है। 

मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व

मां कूष्मांडा की पूजा करने से भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। यदि आपको कोई रोग या दोष है तो मां कूष्मांडा की पूजा करने से वो दूर हो जाती हैं। जिस व्यक्ति को संसार में प्रसिद्धि की चाह रहती है, उसे मां कूष्मांडा की पूजा करनी चाहिए। देवी की कृपा से उसे संसार में यश की प्राप्ति होगी। मां कूष्मांडा में सृजन की अपार शक्ति है। इसलिए वे जीवन प्रदान करने वाली माता हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है। 

मां कूष्मांडा का प्रिय फल, फूल और भोग

मां कूष्मांडा को लाल रंग प्रिय है, इसलिए पूजा में उनको लाल रंग के फूल जैसे गुड़हल, लाल गुलाब आदि अर्पित करना शुभ माना जाता हैं। इससे देवी प्रसन्न होती हैं। साथ ही पूजा के समय हलवा या दही का भोग लगाना उत्तम माना जाता हैं। यह माता को अति प्रिय है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा के समय मां कूष्मांडा को यदि सफेद कुम्हड़े की बलि दी जाती है तो वे प्रसन्न होती है। 

मां कूष्मांडा पूजा मंत्र

1- सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

2- नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

3- वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढा अष्टभुजा कुष्माण्डा यशस्वनीम्॥