Bangladesh News: पीएम शेख हसीना ने दिया इस्तीफा, अंतरिम सरकार बनेगी- बांग्लादेश सेना प्रमुख
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद अब एक अंतरिम सरकार का गठन होगा। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने सोमवार को ये घोषणा की है।
Bangladesh News: बांग्लादेश (Bangladesh) में प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) के इस्तीफा देने के बाद अब एक अंतरिम सरकार का गठन होगा। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान (Army Chief General Waqar-uz-Zaman) ने सोमवार को ये घोषणा की है। देश के नाम एक टेलीविजन संबोधन में सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने नागरिकों से सेना पर भरोसा बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि रक्षा बल आने वाले दिनों में शांति सुनिश्चित करेंगे।
भारत पहुंचीं शेख हसीना
इससे पहले, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) ने देश छोड़ दिया। वो भारत पहुंची। उनका हेलिकाप्टर अगरतला (Agartala) में लैंड हुआ है। जानकारी के मुताबिक, पीएम शेख हसीना के साथ उनकी बहन रेहाना भी भारत पहुंची हैं। वहीं हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास में घुस गए हैं। इस बीच लाखों लोग देश की सड़कों पर उतर आए हैं।
अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें कि बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर पूरे देश में जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को भड़की हिंसा में 14 पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। वहीं बीते तीन हफ्तों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यहां हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है।
सरकारी नौकरी में आरक्षण का हो रहा विरोध
दरअसल, छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 1971 में गृहयुद्ध में पाकिस्तान से बांग्लादेश ने स्वतंत्रता हासिल की थी, जिसमें ढाका के अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिकों और उनके समर्थकों द्वारा नरसंहार में 30 लाख लोग मारे गए थे। विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया, जिसके बाद छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया था, लेकिन छात्रों ने कहा कि सरकार ने उनके सभी नेताओं को रिहा करने की मांग को नजरअंदाज कर दिया, इसलिए प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए।