Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव को हाईकोर्ट से मिली राहत, आपराधिक मुकदमे पर लगाई रोक
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी पर आरोप है कि इन्होंने वर्ष 2022 में आचार संहिता और कोविड नियमों का उल्लंघन किया। इनके खिलाफ ग्रेटर नोएडा के दादरी पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया था।
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति राजवीर सिंह (Justice Rajveer Singh) ने आपराधिक मुकदमे पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार के वकील को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 3 फरवरी 2024 तय की गई है।
आचार संहिता-कोविड नियमों के उल्लंघन का आरोप
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी (RLD President Jayant Chaudhary) पर आरोप है कि इन्होंने वर्ष 2022 में आचार संहिता और कोविड नियमों का उल्लंघन किया। इनके खिलाफ ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के दादरी पुलिस थाना (Dadri Police Station) में मामला दर्ज किया गया था।
नोएडा के दादरी में दर्ज हुआ केस
एक वकील ने बताया कि आचार संहिता के उल्लंघन मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और जयंत चौधरी समेत 400 कार्यकर्ताओं के खिलाफ दादरी में मुकदमा दर्ज हुआ था। अखिलेश-जयंत पर आरोप था उन्होंने अपने कार्यक्रम के दौरान चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन किया था।
अखिलेश, जयंत समेत 400 लोगों पर केस दर्ज
नाइट कर्फ्यू में विजय यात्रा निकालकर आचार संहिता और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर दादरी कोतवाली पुलिस ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत 400 अन्य लोगों पर केस दर्ज किया था।
विजय यात्रा में काफी देर से पहुंचे
बता दें कि विजय यात्रा पर निकले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और जयंत चौधरी पहले लुहारली टोल प्लाजा और फिर दादरी पहुंचे थे। तय कार्यक्रम के अनुसार, विजय यात्रा को पहुंचने में काफी देर हो गई थी।
नाइट कर्फ्यू हो चुका था लागू
पुलिस ने बताया था कि रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक चुनाव प्रचार पर रोक थी। वहीं, नाइट कर्फ्यू भी लागू हो चुका था। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और लोग विजय यात्रा और वरिष्ठ नेताओं का इंतजार कर रहे थे। विजय यात्रा के पहुंचते ही सैकड़ों लोग उमड़ पड़े।