Kolkata rape-murder case: कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का अनशन 16 दिन बाद खत्म, ममता के साथ बैठक के बाद लिया फैसला
कोलकाता में 5 अक्टूबर से जारी जूनियर डॉक्टर्स की भूख हड़ताल सोमवार को 17वें दिन खत्म हो गई है। साथ ही डॉक्टरों ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को होने वाली हेल्थ स्ट्राइक भी वापस ले ली है। सोमवार (21 अक्टूबर) शाम डॉक्टरों के एक पैनल ने सीएम ममता के साथ नबन्ना स्थित सचिवालय में बैठक की। इस मीटिंग में करीब 2 घंटे तक चर्चा हुई।
Kolkata rape-murder case: कोलकाता में 5 अक्टूबर से जारी जूनियर डॉक्टर्स की भूख हड़ताल सोमवार को 17वें दिन खत्म हो गई है। साथ ही डॉक्टरों ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को होने वाली हेल्थ स्ट्राइक भी वापस ले ली है। सोमवार (21 अक्टूबर) शाम डॉक्टरों के एक पैनल ने सीएम ममता के साथ नबन्ना स्थित सचिवालय में बैठक की। इस मीटिंग में करीब 2 घंटे तक चर्चा हुई। जूनियर डॉक्टर 26 अक्टूबर को आरजी कर मेडिकल कालेज में एक सामूहिक सम्मेलन आयोजित करेंगे।
5 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठे थे जूनियर डॉक्टर
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज (RG Kar Medical College) में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के विरोध में जूनियर डॉक्टर्स अनशन पर बैठे थे। 5 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में न्याय की मांग कर रहे थे। इसके साथ ही वे बंगाल के स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा समेत हेल्थकेयर स्ट्रक्चर में जरूरी बदलाव की मांग कर रहे हैं।
मृतक डाक्टर के माता-पिता के कहने पर खत्म किया अनशन
5 अक्टूबर से अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टर देबाशीष हलदर (Junior Doctor Debashish Halder) ने बताया कि सीएम ममता के साथ बैठक में हमें कुछ निर्देशों का आश्वासन मिला है, लेकिन राज्य सरकार का हावभाव पॉजिटिव नहीं था। अनशन में आम लोगों ने पूरे दिल से हमारा साथ दिया। हलदर ने बताया कि आरजी कर पीड़ित हमारी मृतक बहन के माता-पिता समेत अन्य लोगों के कहने पर हमने अनशन खत्म किया है। क्योंकि हमारा स्वास्थ्य बिगड़ रहा था। इसलिए वो हमसे अनशन वापस लेने की बोल रहे थे। जिसके बाद हमने भूख हड़ताल वापस ली है।
स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए
पश्चिम बंगाल (west bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने 20 अक्टूबर को अनशन खत्म करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि डॉक्टरों की ज्यादातर मांगें पूरी कर दी गई हैं। हर किसी को विरोध का अधिकार है, लेकिन इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर किसी तरह का असर नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने ये भी कहा था कि किसी विभाग में हर किसी को एक साथ हटाना संभव नहीं हैं।
ममता बनर्जी ने डाक्टरों से किये गंभीर सवाल
सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने कहा कि, क्या ये सही है कि डॉक्टर तय करें कि किसे हटाना चाहिए? ममता बनर्जी ने भी डॉक्टरों से अनशन खत्म करने और सोमवार को उनसे मुलाकात करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस कमिश्नर, चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को हटा दिया है, लेकिन मैं पूरे विभाग को नहीं हटा सकती। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया- क्या यह तर्कसंगत है कि आप तय करें कि किस अधिकारी को हटाना चाहिए? कुछ मांगों के लिए नीति बनाने की आवश्यकता है और इसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी, लेकिन हमें यह हरगिज़ मंजूर नहीं है कि डॉक्टर सरकार को आदेश दें कि क्या करना है।
मेरा पद भूल जाएं, मुझे दीदी समझें- ममता
ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से कहा था कि वे अपनी जिम्मेदारी को समझें और इस बात पर खास ध्यान दें कि इस हड़ताल से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि लोग आपके इलाज पर निर्भर हैं। गरीब लोग कहां जाएंगे? वे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज पाते हैं। कृपया मेरे पद को भूल जाएं और मुझे अपनी दीदी समझें। आपकी मांगे जायज हैं, लेकिन आपको जनता की सेवा करनी चाहिए।
अब तक छह डॉक्टर अस्पताल में भर्ती
बता दें कि ट्रेनी डॉक्टर रेप-हत्या केस में न्याय और मेडिकल सुविधाओं में सुधार की मांग करते हुए जूनियर डॉक्टर पिछले 17 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। जूनियर डॉक्टरों ने 21 अक्टूबर को अनशन खत्म कर दिया है। इस दौरान छह डॉक्टरों को तबियत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि आठ अन्य अनिश्चितकालीन अनशन पर थे। डॉक्टरों की मांग थी कि राज्य की ममता सरकार 21 अक्टूबर तक समस्या को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाए।