Bulandshahr Dog Temple: यूपी का एक ऐसा मंदिर जहां देवी देवता नही बल्कि श्वान की होती है पूजा
यूपी के बुलंदशहर में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां भगवान की जगह श्वान यानी कुत्ता की पूजा होती है। लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ यहां पूजा अराधना करते है और यहां श्वान से अपनी इच्छा पूर्ति की मांग करते है और लोगों का मानना है कि उनकी मुरादें पूरी भी होती है।
Bulandshahr Dog Temple: जब आप मंदिर जाते है तो जाहिर सी बात है कि भगवान की पूजा करते है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां किसी देवी-देवता की नही बल्कि श्वान की पूजा होती है। जी हां, यूपी के बुलंदशहर में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां भगवान की जगह श्वान यानी कुत्ता की पूजा होती है। लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ यहां पूजा अराधना करते है और यहां श्वान से अपनी इच्छा पूर्ति की मांग करते है और लोगों का मानना है कि उनकी मुरादें पूरी भी होती है।
तो चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में विस्तार से बताते हैं-
क्या है मंदिर के पीछे की कहानी
यूपी के बुलंदशहर से 60 किमी दूर सिकंदराबाद कस्बे में एक ऐसा मंदिर है जहां श्वान और भैरव बाबा की पूजा होती है। यहां के पुजारी दिग्विजय द्विवेदी ने बताया कि यह मंदिर 100 साल पुराना है। उन्होंने बताया कि यहां पर एक लटूरी बाबा रहते थे। वो यहां पर एक छोटी सी कुटिया बनाकर पूजा-अर्चना करते थे। पुजारी जी के अनुसार बाबा ने एक कुत्ता भी पाल रखा था, जिसे भैरव बाबा के नाम से बुलाया जाता था। बताया जाता है कि जब बाबा ने समाधि ली तो उनके साथ उनका कुत्ता भी बाबा की समाधि में कूद गया। काफी मशक्कत करने के बाद भी वो निकला और उसने भी बाबा के साथ समाधि ले ली, तभी से यहां पर कुत्ते की एक समाधि बनाई गई। सिकंदरबाद में मंदिर भैरव बाबा के नाम से मशहूर है।
काला धागा बांधकर मांगते है मन्नत
इस मंदिर की मान्यता है कि यहां आने से सभी की मुरादें पूरी होती है। बता दें कि यहां आने वाले लोग भैरव बाबा की मूर्ति पर काला धागा बांधकर अपनी मुराद पूरी करने की मन्नत मांगते है। बता दें कि होली-दिवाली यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें बहुत दूर-दूर से लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर पूजा पाठ और प्रसाद चढ़ाने के लिए आते हैं।