Constitution Day: देश के संविधान के 75 साल पूरे, आज राष्ट्रपति दोनों सदनों को करेंगी संबोधित

देश के संविधान के आज 75 साल पूरे हो गए है। इस मौके पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को विशेष कार्यक्रम होगा।

Constitution Day: देश के संविधान के 75 साल पूरे, आज राष्ट्रपति दोनों सदनों को करेंगी संबोधित

Constitution Day: देश के संविधान के आज 75 साल पूरे हो गए है। इस मौके पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को विशेष कार्यक्रम होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu), उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत सभी सांसद इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों सदनों को करेंगे संबोधित  

संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) और उपराष्ट्रपति धनखड़ (Vice President Dhankhar) दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्वागत भाषण देंगे। संविधान की 75वीं वर्षगांठ को दर्शाने वाला सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। इसके अलावा 'भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक' और 'भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा' विषय वाली किताबों को लॉन्च किया जाएगा। संस्कृत और मैथिली भाषा में संविधान की प्रतियां भी जारी की जाएंगी। भारतीय संविधान के निर्माण के ऐतिहासिक महत्व और यात्रा वाली शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी।

26 नवंबर को मनाया जाता है ‘संविधान दिवस’  

दरअसल, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत का संविधान पारित किया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया था। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें 26 नवंबर को हर साल ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाने की बात कही गई थी। इसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रोत्साहन के तौर पर मनाना है। 

26 नवंबर 1949 को क्यों नहीं लागू हुआ था संविधान? 

26 जनवरी, 1930 को कांग्रेस ने देश की पूर्ण आजादी का नारा दिया था। इसी की याद में संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी, 1950 तक इंतजार किया गया। 1929 में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। उस अधिवेशन में अंग्रेज सरकार से मांग की गई थी कि भारत को 26 जनवरी, 1930 तक संप्रभु दर्जा दे दिया जाए। फिर 26 जनवरी, 1930 को पहली बार पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।

26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था देश का संविधान

इसके बाद 15 अगस्त, 1947 तक यानी अगले 17 सालों तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व की वजह से 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया और इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

2 साल 11 महीने और 17 दिन में तैयार हुआ संविधान 

संविधान सभा ने 2 साल 11 महीने और 17 दिन की कड़ी मेहनत के बाद संविधान को तैयार किया था। संविधान की मूल अंग्रेजी कॉपी में 1 लाख 17 हजार 369 शब्द हैं। जिसमें 444 आर्टिकल, 22 भाग और 12 अनुसूचियां हैं।

प्रेम बिहारी ने हाथ से लिखी थी संविधान की मूल कॉपी 

डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है। मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी। इस काम में उन्हें 6 महीने लगे और कुल 432 निब घिस गईं। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खुद कैलीग्राफर प्रेम बिहारी से संविधान की मूल कॉपी लिखने की गुजारिश की थी। प्रेम बिहारी ने न केवल इसे स्वीकार किया था बल्कि इसके बदले फीस लेने से भी इनकार किया था।

संविधान के हर भाग में चित्रकारी भी की गई है

संविधान को हाथ से लिखने में प्रेम बिहारी को 6 महीने लगे थे। इस दौरान 432 निब घिस गईं थीं। प्रेम बिहारी को संविधान हाल में एक कमरा दिया गया, जो बाद में संविधान क्लब हो गया। भारत का संविधान दुनिया में अकेला है, जिसके हर भाग में चित्रकारी भी की गई है। इसमें राम-सीता से लेकर अकबर और टीपू सुल्तान तक के चित्र हैं। इन्हें शांति निकेतन के नंदलाल बोस की अगुवाई वाली टीम ने अपनी कला से सजाया। उनके भी नाम संविधान की मूल कॉपी में लिखे हैं।