UGC New Guidelines: यूजी छात्रों के लिए इंटर्नशिप, मिलेगा एकेडमिक क्रेडिट, बीमा और स्टाइपेंड
यूजीसी ने रिसर्च इंटर्नशिप को लेकर विशेष गाइडलाइंस तैयार की है जिसे देशभर के विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ साझा किया जा रहा है। रिसर्च इंटर्नशिप का सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा। ग्रेजुएशन कर रहे छात्र जिन कंपनियों में इंटर्नशिप करेंगे, वहां से उन्हें एक निश्चित रकम प्राप्त होगी। इसके अलावा, उनके लिए बीमा का प्रावधान भी किया जाएगा।
UGC New Guidelines: यूजीसी ने रिसर्च इंटर्नशिप को लेकर विशेष गाइडलाइंस तैयार की है जिसे देशभर के विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ साझा किया जा रहा है। रिसर्च इंटर्नशिप (UGC New Guidelines) का सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा। ग्रेजुएशन कर रहे छात्र जिन कंपनियों में इंटर्नशिप करेंगे, वहां से उन्हें एक निश्चित रकम प्राप्त होगी। इसके अलावा, उनके लिए बीमा का प्रावधान भी किया जाएगा।
उच्च शिक्षण संस्थाओं में नोडल अधिकारी तैनात करना होगा
यूजीसी की नई गाइडलाइंस (UGC New Guidelines For PHD) बताती है कि रिसर्च इंटर्नशिप (UGC Research Internship Guidelines) के लिए उच्च शिक्षण संस्थाओं को अपने यहां नोडल अधिकारी तैनात करना होगा। यह संस्थान रिसर्च इंटर्नशिप के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ समझौते कर सकेंगे। 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट (एफवाईयूपी) प्रोग्राम के तहत चौथे वर्ष में रिसर्च की व्यवस्था की गई है।
छात्रों के लिए इंटर्नशिप सुपरवाइजर बनाएंगे
इतना ही नहीं यूजीसी की गाइडलाइंस बताती है कि उच्च शिक्षा संस्थान प्रत्येक योग्य छात्र के लिए इंटर्नशिप सुपरवाइजर बनाएंगे। यह सुपरवाइजर निर्धारित अवधि के इंटर्नशिप प्रोजेक्ट को पूरा करने में छात्रों के मददगार होंगे। इसके अलावा, उच्च शिक्षण संस्थान ग्रुप इंटर्नशिप की संभावनाएं भी तलाश सकते हैं। गाइडलाइंस के इस ड्राफ्ट पर यूजीसी अपने सभी स्टेहोल्डर्स से सुझाव भी मांगे थे। उच्च शिक्षा से जुड़े देश भर के सभी शैक्षणिक संस्थान व अन्य स्टेकहोल्डर यूजीसी को ईमेल से अपने सुझाव भेज सकते थे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अंडरग्रैजुएट स्तर पर क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू
यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के मुताबिक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के प्रावधानों के अनुसार यूजीसी ने अंडरग्रैजुएट स्तर पर क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू किया है। छात्रों की इम्प्लॉएबिलीट बढ़ाने के लिए इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। इसी कड़ी में आयोग ने इंटर्नशिप को लेकर गाइडलाइंस तैयार की है।
संस्थान द्वारा इंटर्नशिप प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे
यूजीसी का कहना है कि रिसर्च इंटर्नशिप निर्धारित करने के लिए संबंधित शिक्षण सस्थानों द्वारा लोकल मार्केट की जरूरतों को लेकर सर्वेक्षण किया जाएगा। इसी सर्वेक्षण और संचालित किए जा रहे कोर्सेस के आधार पर संस्थान द्वारा इंटर्नशिप प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे। इन इंटर्नशिप प्रोजेक्ट और उनके लिए बनाए गए मेंटॉर्स की जानकारी संस्थानों को अपने पोर्टल पर प्रकाशित करनी होगी।
कॉलेज में स्टूडेंट करियर काउंसलिंग सेल होने चाहिए
यूजीसी का मानना है कि विश्वविद्यालय के स्तर पर ज्वाइंट रिसर्च प्रोजेक्ट को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। यूनिवर्सिटी कॉलेज में स्टूडेंट करियर काउंसलिंग सेल होने चाहिए। करियर काउंसलिंग सेल में न केवल यूनिवर्सिटी बल्कि इंडस्ट्री के प्रतिनिधि भी शामिल होने चाहिए।
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प्रोफेशनल और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को लागू करने के लिए भी उद्योगों से जुड़े प्रोफेशनल की मदद ली जा रही है। उच्च शिक्षा के स्तर पर औद्योगिक प्रोफेशनल के साथ साझेदारी से यह पता लग सकेगा कि रोजगार को लेकर उद्योगों की क्या जरूरतें हैं। इस नए कदम से पढ़ाई के उद्योगों की आवश्यकता अनुसार, नए पाठ्यक्रम शामिल किया जा सकते हैं।
उद्योगों का का एक क्लस्टर तैयार किया जाना चाहिए
यूजीसी गाइडलाइंस यह भी बताती है कि राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय, कॉलेजों और उद्योगों का का एक क्लस्टर तैयार किया जाना चाहिए। इसका लाभ संयुक्त रिसर्च और उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों को मिलेगा। यही कारण है कि यूजीसी चाहता है कि विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी में इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स को शामिल किया जाए।
अंडर ग्रेजुएट स्तर पर इंटर्नशिप को कोर्स का हिस्सा बनाए
यूजीसी के मुताबिक अंडर ग्रेजुएट स्तर पर इंटर्नशिप को कोर्स का हिस्सा बनाए जाने के पीछे मकसद यह भी है कि छात्रों को इसका क्रेडिट मिले। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत लागू किए गए 'अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट' में उसका स्कोर एकत्र हो सकेगा। संबंधित कंपनी की सिफारिश पर इंटर्नशिप कर रहे छात्रों की इंटर्नशिप अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
संस्थानों को अपने पोर्टल पर एपीआई इंटीग्रेशन
यूजीसी चेयरमैन ने बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने पोर्टल पर एपीआई इंटीग्रेशन के साथ व्यवस्था करनी होगी कि कंपनियों के एक्सपर्ट्स या एजेंसियां रजिस्ट्रेशन कर सकें। इंटर्नशिप प्रोजेक्ट स्टूडेंट के स्किल डेवेलपमेंट कोर्सेस से लिंक होगा।